घर भर की ख़ातिर कुर्बानी
Shakun
October 21, 2023
Literature, Uncategorized
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हिन्दुस्तानी औरत

हिन्दुस्तानी औरत यानी
घर भर की ख़ातिर कुर्बानी।
गृहलक्ष्मी पद की व्याख्या है,
चैका-चूल्हा-रोटी-पानी।
रुख़सत करने में रजिया को,
टूट गये चाचा रमजानी।
आँचल में अंगारे बाँधे,
पीहर लौटी गुड़िया रानी।
क़त्ल हुआ कन्या भ्रूणों का,
तहज़ीबें दीखीं बेमानी।
निर्धन को बेटी मत देना,
घट-घट वासी अवढरदानी।
