रोजगार के विभिन्न स्वरूपों से हम सभी परिचित है। कुछ नैतिक तो कुछ अनैतिक , कुछ सरकारी तो कुछ प्राईवेट। कुछ लोगो का खुद का व्यवसाय तो कुछ कर्मचारी। कभी त्योहारों के नाम पर, कभी नए घर के लिए तो कभी दुकान के लिए तो कभी सुगमता से जिंदगी यापन के लिए दबंगई से पैसा उगाही की जाती है. इस तरह के अधिकतर रोजगारों से हम सभी परिचित है फिर भी आते – जाते ऐसे -ऐसे रोजगार से पाला पड़ता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं करते।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 200km की दूरी पर सतपुरा पहाड़ों की राजधानी पचमढ़ी स्थित है। यहां बहुत प्रसिद्ध एक गुफा है, जिसका नाम जटा शंकर है। इस गुफा के अंदर भगवान शिव जी का मंदिर है । इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 150 सीढ़ियों से उतरना पड़ता है। सीढ़ियों के रास्ते पर ही एक महिला बड़ी मीठी आवाज में भजन गाती थी, उसका भजन सुनने वाले अधिकतर भक्त गण खुश होकर उसके पास कुछ रुपए रख देते थे। हालांकि वो महिला किसी से कुछ भी मांगती नही थी। लेकिन ये उसकी प्रतिभा का चमत्कार था जो उसकी रोजी रोटी का जुगाड किए हुए था।
नैनीताल में अगर कोई बाहर से ( उत्तराखंड के बाहर से ) पर्यटन करने के लिए अपनी कार, बस, टेंपो ट्रेवलर से आता है तो नैनीताल में घुसने से पहले ही अपनी गाडियां लिए गाड़ीचालक मिल जायेंगे जो आपको देखते ही घेर लेंगे और अपनी गाड़ी से जाने ही नहीं देंगे। उनकी एकता भी इतनी मजबूत है की अगर आपने आनाकानी की तो उनके संगी साथी एकत्र हो जायेगे आप पर दबाव बनाने के लिए कि आप इनकी ही गाड़ी ले अन्यथा वापस जाएं। गाड़ी का भाड़ा भी कुछ किलोमीटर के लिए सौ दो सौ – 500 नही अपितु 1200- 1400 रुपए है।
ये सच है की पहाड़ों के रास्ते बहुत खतरनाक होते है उन पर प्रत्येक ड्राईवर गाड़ी चला ले ये संभव ही नहीं। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अधिकतर ऊँचे पहाड़ो की सैर के लिए लोकल गाड़ियां और पहाड़ों पर गाड़ी चलाने में निपुण ड्राईवर ही रखे जाते है है, जैसे की – नाथुला, पूर्णागिरि केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि। किन्तु नैनीताल की मॉल रोड तक पहुंचने के लिए किसी भी स्थानीय ड्राइवर की आवश्यकता नहीं।
मनमानी कीमत वसूलना भी रोजगार है। इस तरह के न जाने कितने रोजगार है जो आपकी जेब बिना डांका डाले ही खाली करवा सकते है।
अतः पर्यटन या किसी आवश्यक कार्य से बाहर जा रहे है तो सावधान हो जाए और अपने बजट को बढ़ा ले। ताकि जिओ और जीने दो की तर्ज पर दूसरे को भी कमाने – खाने का अवसर प्रदान कर सके।
लेकिन नैनीताल भी जाईये जरूर वहां की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए , प्रकृति के अनोखे रंग देखने के लिए , आपा -धापी – भागमभाग जिंदगी से दूर ख़ुशी के कुछ पल जीने के लिए …