Sunday , May 4 2025

नया साल

               नीलाभ खरे, नोएडा

 

 नया नया ज्यों पहली कोपल 

नया नया ज्यों

  पहली कोपल,

 पहली किरन

   ओस पर जैसे,

 सहरी की

  पहली पुकार,

   मंदिर की घंटी

    अलसभोर ज्यों

  नया नया औ’

    शुभ शुभ हो सब

  नए साल में….

 

 बुद्ध पूर्णिमा पर

निविड़ तिमिर में

आशंका-दुश्चिंता-भ्रम औ’

तन मन में व्यापी पीड़ा के

सम्यक आठ अंग वाले

मज्झिम रस्ते की

चिर तलाश में

‘अपना दीपक स्वयं बनो’

जिसने बोला था

याद करें उसको जब

उसके जन्मदिवस पर

करें आचरण भी तब

उसके उपदेशों पर

महाभिषक

ख़ुद ही बन पाएं….

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