दीपक एक प्रेम का प्रशस्त मार्ग है आप
पृथ्वी आकाश में ध्रुव तारे अनेक
अंत भय भ्रम का ज्ञान ऊर्जा प्रकाश
ना कोई राज रंक सत महिमा उजियार
जीवन सदा उत्साह जन्म जीवन आधार
सच्चा पवन ज्ञान जीवन बोध मार्ग
भक्ति का मधुपान सत ईश्वर गुणगान
छल छद्म प्रपंच रूढ़िवादी का दंश
प्राणि में भेद भाव समय समाज बेरंग
गुरु शिष्य परंपरा मार्ग ज्ञान बैराग्य
तमस का उजियार सतत शिष्य अनुराग
देश विदेश में स्वीकार सच है भगवान
काल पल प्रहर बढ़ता ईश्वर सत्य सारः
अनुनय अनुयायी ईश्वर का भान
जान लिया जिसने युग कि पहचान
सतगुरु कि कृपा ईश्वर स्वर वरदान
कर्म धर्म सच है कर्म करो निष्काम
पाखंड प्रपंच का आडंबर ना हो साथ
आत्म साथ उपदेश वेद उपनिषद पुराण
समानता युग सिद्धांत है द्वेष विद्वेष रार
शत्र शास्त्र ज्ञान है धर्म धैर्य मर्म समान
प्राणि पराधीन नही आत्म बोध है एक
धर्म कहती नही मानव जाति अनेक
पाप पान है मदिरा भय व्याधि मद्यपान
मदिरा पान जो करे डूबत मरत ग़ज़ग्रह
उत्साह अंतर्मन का बैराग्य ज्ञानप्रकाश
ईश्वर सत्य जीवन मोल अनमोल भाव
जीवन मे शुभ संयम अरु संकल्प
भक्ति भाव का सच दूषित दूषण व्यर्थ
अद्भुत अनमोल है जीवन का हर पल
संवेदना साक्ष है आने वाला पल पल
त्याग तप व्रत जीवन का अनुराग
विधि विधान का सच प्राणि प्राण समान
प्रेरणा एक ज्योति है जन जन कासाथ
दीपक एक प्रेम का प्रशस्त मार्ग है आप
नंदलाल मणि त्रिपाठी, गोरखपुर (up)