मत व्यर्थ नही दान सोच विचार
गलती से ना मिले दुर्दशा की आंच।
दान का मोल नही योग्य को दान
मत हर मूल्यवान जाना मत भूल।।
अपने और पराए भेद भाव का अंत
निर्मल निश्चल मन मतदान विवेक
हार जीत से परे मत न्याय निःस्वार्थ
लोकतंत्र का पर्व है परम प्रशन्नता मर्म।।
महायज्ञ कि आहुति अनुष्ठान मान
मतदान निष्पक्ष सम्पूर्ण प्रमाण।।
सुनना है सबकी चुनना है मन की
प्रतिनिधि ऐसा बात सुने जन जन की।।
कर्म धर्म मे निपुण निश्छल निर्विकार
जन सेवा सत्कार ही उत्तम हो विचार।।
अस्त्र शस्त्र का अंत मत शक्ति पर्याप्त
जय पराजय का मत समर्थ ही सारः।।
परख ध्यान से तब मत दान
मत व्यर्थ नही महादान कल्याण।।
चयन सही हो लालच भय स्वार्थ मुक्त
निर्भय निर्विकार मत सुयोग्य के युक्त।।
मूल्यवान मत है पात्र को ही दान
कुपात्र को मत शक्ति मत परिहास।।
व्यस्तता बहुत मतदान प्रथम कार्य
धर्म कार्य यह दान स्वंय पर उपकार।।
भूल चुक माफ नही अनुष्ठान मतदान
शक्ति जन मत हद हस्ती अभिमान।।
अच्छा नेता चुनना कठिन बहुत कार्य
संयम धैर्य आंकलन है सत्य विचार।।
झूठ फरेब से बचो मत पावन दान
चुनना है वर्तमान भविष्य परिणाम।।
लड़ना बंद करो सिर्फ करो विचार
चुने सब मजबूत स्वच्छ सरकार।।