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देश भक्ति पर आधारित कविताओं पर गोष्ठी

राइटर्स एंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन महिला इकाई कोलकाता द्वारा देशभक्ति प्रेम कविताओं और गीतों की गोष्ठी—

राइटर्स एंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन महिला इकाई कोलकाता की ओर से आयोजित काव्य गोष्ठी में देशप्रेम और देशभक्ति के साहित्यिक गीतों और कविताओं द्वारा देश के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया गया। 3 मई 2024 शुक्रवार को यह कार्यक्रम जूम पर संध्या 3 बजे से किया गया। कोलकाता की वाजा महिला ईकाई कोलकाता की कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों ने इस गोष्ठी में हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता आओ फिर से दिया जलाएँ से शुभ्रा त्रिवेदी ने किया।वाजा की उपाध्यक्ष डॉ मंजूरानी गुप्ता ने जयशंकर प्रसाद की रचना हिमालय के आंगन में , महासचिव डॉ सुषमा हंस ने विनोद प्रसून की रचना तिरंगे की शान ,संयुक्त सचिव, पूनम त्रिपाठी ने स्वरचित कविता गढ़ आला पर सिंह गेला छत्रपति शिवाजी के परम योद्धा ताना जी पर सुनाई , संयुक्त सचिव कविता कोठारी ने वंशीधर शुक्ल की कदम कदम बढ़ाए जा और स्वरचित कविता 26 जनवरी देश के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन…. का वाचन किया । सुषमा त्रिपाठी ने यदि तुम्हारे घर के/एक कमरे में आग लगी हो/तो क्या तुम/दूसरे कमरे में सो सकते हो?सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता , शकुन त्रिवेदी ने

” पानी बचाना भी देश सेवा कहलाता है,  कौन कहता है सिर्फ और सिर्फ सरहद पर गोली खाना ही राष्ट्र हित में आता है.”

रीमा पांडेय ने गजल मंदिर की मस्जिदों की हिफाजत की बात कर, अम्न-ओ-अमान और मुहब्बत की बात कर सुनाई ।

उषा श्राफ ने हम दिवानों की क्या हस्ती है आज यहां कल वहां चले -भगवतीचरण वर्मा की कविता सुनाई, शौर्यांक त्रिवेदी ने सोहनलाल द्विवेदी की रचना वंदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो गाकर सभी को देश के साथ जोड़ा।

विशन सिखवाल ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता कलम आज उनकी जय बोल सुनाई। डॉ सुषमा हंस ने

डाॅ विनोद प्रसून रचित ‘ शान तिरंगा रहे हमारी, सीमा भावसिंहका ने खूब लडी़ मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी – कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान की लोकप्रिय कविता सुनाई।

बेंगलूरू से वाजा के अध्यक्ष हिरेमगलूर नरसिंहा ने और वामिका संस्था की सदस्या सुनीता सिंह ने स्वरचित कविताएँ पढ़ीं।

डॉ वसुंधरा मिश्र ने सोहनलाल द्विवेदी द्वारा लिखित रचना जन्म भूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी/ऊँचा खड़ा हिमालय आकाश चूमता है/नीचे पखार पग तल, नित सिंधु झूमता है,

गंगा पवित्र यमुना, नदियाँ लहर रही हैं/पल-पल नई छटाएँ, पग पग छहर रही हैं पक्तियों से संचालन करते हुए देशभक्ति कविताओं से अपने देश प्रेम के प्रति व्यक्त किया।

राइटर्स एंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव और नई पीढ़ी दिल्ली के संपादक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी ने सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की भेड़िया कविता सुनाकर वाजा लेडिज विंग कोलकाता की अध्यक्ष डॉ वसुंधरा मिश्र के साथ सभी सदस्याओं को कार्यक्रम के लिए हार्दिक बधाई दी।

ताजा टीवी के डायरेक्टर वरिष्ठ संपादक वाजा कोलकाता के अध्यक्ष विश्वंभर नेवर ने अपने धन्यवाद वक्तव्य में कहा कि इस तरह के राष्ट्रगीत और देश भक्ति के कार्यक्रम हमें देश से जोड़े रखते हैं। राष्ट्र बढ़ेगा तो हम बढ़ेंगे राष्ट्र रहेगा तो हम रहेंगे। दिनकर जी कविता सुनाकर वाजा लेडिज विंग कोलकाता के सभी सदस्याओं को धन्यवाद दिया।

नयी पीढ़ी के संपादक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी वाजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यक्रम की सराहना की एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

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