अच्छा हुआ इनका वोट नहीं पड़ा
आप वोट नहीं डाल रही क्या बात है ? “मेरे पास वोटर कार्ड नहीं है इसलिए! अरे देखिये न मेरे सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज मोबाइल में है लेकिन प्रीसाइडिंग अफसर कह रहे है कि बिना असली वोटर कार्ड या आधार कार्ड दिखाए वोट डालने नहीं देंगे। एक सज्जन जो पास में ही खड़े थे बोल उठे -” मोदी डिजिटल इंडिया बना रहे है और ये यहाँ ओरिजिनल डॉक्युमेंट मांग रहे है”. वहां पर खड़े कुछ आदमियों ने पहल करते हुए पोलिंग बूथ पर दबाव बनाते हुए तर्क दिया- “अरे साहब ये महिला बहुत दूर से आई है, इसके पति ने भी वोट डाला है। आप उनके आई डी कार्ड से मिलान कर लीजिये, और इन्हे वोट डालने दीजिये।
” मेरी लिस्ट में इनका नाम नहीं है और बिना नाम के इन्हे वोट डलवाने की परमिशन भी हमें नहीं दी गई है ! बूथ पर तैनात एजेंट ने अपनी सफाई देते हुए कहा.
नेता टाईप एक व्यक्ति ने भीड़ जुटानी आरम्भ कर दी वहां मौजूद मतदाताओं से अपने समर्थन में बोलने के लिए, उन्हें अपने साथ खड़े होने के लिए बार -बार उनकी तरफ देखकर उन्हें सम्बोधित करता और कहता- ” ये भी कोई तरीका है , मोबाईल में जब ओरिजिनल फोटो तथ्य के साथ है तो इस तरह से न करने का क्या मतलब। मैं अभी इनकी फोटो इस खबर के साथ प्रेस में भेजूंगा और सोशल मिडिया पर भी पोस्ट करूँगा , जब ये खबर वायरल होगी तब पता चलेगा इन सबको अपनी दादागिरी करने का नतीजा। किन्तु न एजेंट न प्रेसाइडिंग ऑफिसर और न तैनात फोर्स, किसी ने भी हंगामा मचाने वालों की बात पर ध्यान नहीं दिया। अंत में वो महोदय अपना वोट डालकर अपने गिने -चुने दोस्तों के साथ बाहर निकल गए।
” देख -देख ! अपने दोस्त को कोहनी मारते हुए उस तथाकथित नेता ने सामने की तरफ इशारा किया। उस दोस्त की भी आश्चर्य की सीमा नहीं रही जब उसने उन दम्पति को अपने विरोधी पार्टी के खेमे में खड़े होकर उन लोगो से हँस – हँस कर बात करते हुए देखा। ” देखा! जिसके वोट के लिए हम वहां पर झगड़ रहे थे ये लोग विरोधी खेमे के निकले, अच्छा हुआ जो इनका वोट नहीं पड़ा क्या पता हमारा नेता इनके वोट से ही हार जाता। ” पुराना मुहावरा है कि ” नेकी कर दरिया में डाल ” यहां तो नेकी कर विरोधी को जिता वाली बात हो जाती। “ये कहकर वो और उसके दोस्त खिलखिला कर हँस दिये।