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विश्व साहित्य में प्रेमचंद्र का महत्व

साहित्य को पढ़ना समाज को जागरूक करना है – अशोक चटर्जी, महापौर, नैहाटी

नैहाटी कल्चरल सोसायटी द्वारा मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह का आयोजन नैहाटी के बंकिम पाठागार में किया गया। इस पावन अवसर पर मेधावी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन एवं सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नैहाटी नगरपालिका के महापौर श्री अशोक चटर्जी,उप पौरप्रधान श्री भजन मुखर्जी, सीआईसी श्री कनाईलाल आचार्य एवं पार्षद श्री राजेश साव उपस्थित थे।

इस आयोजन में एक संगोष्ठी आयोजित किया गया, जिनमें मुख्य वक्ता के तौर पर प्रो. एन चंद्रा राव,डाॅ.कमल कुमार, डॉ.अजित कुमार दास एवं डॉ. कलावती कुमारी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का शुभारंभ मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

शुभकामना संदेश देते हुए श्री अशोक चटर्जी ने कहा कि साहित्य को पढ़ना समाज को जागरूक करना है। प्रो.,एन चंद्रा राव ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की कहानियों को नये तरीके से पढ़ने की जरूरत है।

डॉ.कमल कुमार ने कहा कि विश्व साहित्य में प्रेमचंद का महत्त्व युगांतरकारी है। प्रेमचंद ने उर्दू में लिखना शुरू किया और फिर हिंदी में लिखने लगे। शुरुआती दौर में प्रेमचंद के लेखन पर पुरानी किस्सागोई की शैली का प्रभाव है, पर बाद में वे यथार्थवादी शैली अपना लेते हैं। उसी के साथ भाषा भी बदलती चली जाती है और वे हिंदी गद्य को सर्वथा एक नया रूप दे देते हैं।

वे एक ऐसे यथार्थवादी कथा-शिल्प का विकास करते हैं, जो उस समय के मूल सामाजिक अंतर्द्वंद्वों को कथा-वस्तु के रूप में उठाने से संभव हो पाती है। जाहिर है, प्रेमचंद के पहले और किसी ने ऐसा नहीं किया था। यही कारण है कि प्रेमचंद का महत्त्व सबसे बढ़कर है और विश्व साहित्य में वे प्रथम श्रेणी के रचनाकार के रूप में समादृत हैं। डॉ.कलावती कुमार ने कहा कि प्रेमचंद हिंदी के युग प्रवर्तक रचनाकार हैं। उनकी रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है।

डॉ.अजित कुमार दास ने कहा कि प्रेमचंद ने हिन्दी उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी शती के साहित्य का मार्गदर्शन किया। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी संपादक थे।

संस्था के अध्यक्ष श्री सुबोध गुप्ता ने कहा कि बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय की नगरी में मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह का आयोजन नैहाटी की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, उन्होंने कहा कि श्री अशोक चटर्जी महोदय हमेशा संस्था के गतिविधियों में शामिल रहते हैं। कार्यक्रम का संचालन श्री गोपाल नारायण गुप्ता एवं श्री अमरजीत पंडित ने किया।

इस आयोजन में गौरीपुर हिंदी हाई स्कूल,हाजीनगर आदर्श हिंदी विद्यालय, सरस्वती बालिका विद्यालय, आनंद स्वरूप हाई स्कूल,विद्या विकास हाई स्कूल, गुरुकुल ग्लोबल एवं सेंट लुक स्कूल के दसवीं एवं बारहवीं के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विधार्थियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में गणमान्य अतिथि के रूप में प्रो. दीक्षा गुप्ता,प्रो.परमजीत पंडित,शाखा प्रबंधक श्री मंजित कुमार दास, राजभाषा हिंदी अधिकारी श्री पतीत रेड्डी,शिक्षक डॉ. सुशील कुमार पाण्डेय, कन्हैयालाल मूर्ति,श्री राजेश कुमार पाण्डेय,श्री असित कुमार पाण्डेय,श्री संजय राम,श्रीमती शिपाली गुप्ता ,श्री धीरज केशरी,श्री योगेश साव,श्री रोहित गुप्ता,मो.शकील अख़्तर,श्री शम्भु रजक,श्री संजीव पंडित एवं श्री उदय साव समेत अन्य मौजूद थे।

संस्था के चेयरपर्सन श्री राजेन्द्र गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह आयोजन नैहाटी की प्रतिभाओं को जन -जन तक पहुंचाने वाला कार्यक्रम है। आने वाले समय में यह संस्था और अधिक साहित्यिक-सांस्कृतिक बुनियाद को मजबूती प्रदान करेगा।

आयोजन को सफल बनाने में संस्था के कोषाध्यक्ष श्री विकास गुप्ता एवं महासचिव मंटू दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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