कोलकाता में कविता उत्सव की हुई शुरुआत
कविता में ही हंसते हैं, कविता में ही रोते हैं और कविता में ही जागते भी हैं यानी हम पूरी तरह कविता में ही जीते हैं।
देश दुनिया में इस तरह झूठ फ़रेब, आतंक, धर्मांधता फैली हुई है, उसका प्रतिकार करते हुए इंसान को सही मायने में इंसान बनने के लिए कविता से लोगों को जोड़ना ही एक रास्ता हो सकता है। इन्हीं सब भावनाओं को केंद्र में रखकर “कुसुमेर फेरा” साहित्य पत्रिका तथा डायमंड हार्बर प्रेस क्लब ने मैराथन कविता उत्सव की शुरुआत की है। कोलकाता कविता उत्सव के संयोजक शकील अहमद ने घोषणा की है कि ये उत्सव बंगाल के पांच शहरों में आयोजित किए जाएंगे जिसमें कुल मिलाकर 500 कवि और कलाकार भाग लेंगे।
कविता उत्सव की शुरुआत कोलकाता के पश्चिमबंग अकादमी सभागार में हुई, जिसमें लगभग 100 कवियों तथा कलाकारों ने शिरकत की। इस अभिनव उत्सव उद्घाटन में उपस्थित थे- पश्चिमबंग कविता अकादमी के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ कवि सुबोध सरकार, डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष डॉ काजल देव तथा रजिस्ट्रार डॉ. सईदुर रहमान तथा अध्यक्षता कर रहे थे वरिष्ठ कवि कमल दे। इस मौके पर बांग्ला कविता तथा आवृत्ति के सत्रों के अलावे खासतौर से आयोजित था बहुभाषी कवि सम्मेलन। हिंदी के वरिष्ठ कवि रावेल पुष्प के संचालन में हुए इस बहुभाषी कवि सम्मेलन में शिरकत कर रहे थे – सर्वश्री डॉ. जसबीर चावला,दिनेश वढेरा, भूपेंदर सिंह बशर,रौनक अफ़रोज तथा देवीस्मिता देव।
इसके साथ ही कुसुमेर फेरा पत्रिका के कवि पत्रकार शकील अहमद विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया और प्रवासी बांग्ला कवि विपुल बिहारी हाल्दार को गणदेवता पुरस्कार से नवाजा गया।
इस तरह के कविता उत्सव लोगों में इंसानियत का जज्बा जिंदा रखने में अपनी कुछ तो सार्थक भूमिका अवश्य निभा पायेंगे,ऐसा लोगों में विश्वास रहा।