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भाषा की जीवंतता तभी तक जब तक घर में अपनी बोली – अर्जुन चक्रबर्ती

राजस्थान सूचना केंद्र में मनाया गया राजस्थान दिवस – –

राजस्थान सूचना केंद्र कोलकाता, राजस्थान फाउंडेशन, राजस्थान प्रचारिणी सभा एवं भारत जैन महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राजस्थान दिवस मनाया गया 30 मार्च 1949 को राजस्थान को अलग प्रदेश की पहचान मिली और इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा राजस्थान दिवस मनाया जाता है।

कोलकाता में स्थित राजस्थान सूचना केंद्र में भारत जैन महिला मंडल की प्रवासी राजस्थानी महिलाओं और अन्य संस्थाओं ने जोरशोर से भाग लिया।राजस्थान से दूर रहकर भी बंगाल की धरती पर अपनी मातृभूमि, मातृभाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी राजस्थानी कृतबद्ध हैं।

बंगाल के सुप्रसिद्ध सिने अभिनेता और मुख्य अतिथि के रूप में अर्जुन चक्रवर्ती का शामिल होना राजस्थान और बंगाल के संबंधों को दृढ़ता प्रदान करता है। विशिष्ट अतिथियों में ताजा टीवी की डायरेक्टर अमृता नेवर, भारत जैन महिला मंडल की अध्यक्ष चंदा गोलछा और भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज की हिंदी प्राध्यापिका और लेखिका कवयित्री डॉ वसुंधरा मिश्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध राजस्थानी भाषाविद एवं एवं राजस्थानी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष रतन शाह ने की। कार्यक्रम का संयोजन राजस्थान सूचना केंद्र कोलकाता के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू द्वारा किया गया। भारत जैन महिला मंडल की संस्थापक सदस्य अंजू सेठिया ने मारवाड़ी भाषा में सभी अतिथियों का स्वागत किया।

राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय श्री भजनलाल शर्मा ने डिजिटल मीडिया से जुड़ कर अपनी शुभकामनाएं दी और कोलकाता में हो रहे राजस्थान दिवस की हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की। सीमा भावसिंह ने गणेश वंदना गाकर कार्यक्रम का आरंभ किया।

प्रमुख बंगाल और फिल्म उद्योग से जुड़े अभिनेता अर्जुन चक्रवर्ती ने अपने शेखावाटी और फिर उदयपुर राजस्थान निवास के दौरान बचपन के अनुभवों को साझा किया और मारवाड़ी में अपनी बात कही जो बंगाल और राजस्थान के संबंधों को दृढ़ता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा में बात करने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए और भाषा के मामले में वे पहले राजस्थानी हैं।

अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए रतन शाह ने राजस्थान की वीरता शूरता और समृद्ध साहित्य के विषय में जानकारी देने के साथ मायण भाषा के लिए संवैधानिक मांग का प्रश्न भी उठाया। जैन महिला मंडल की अध्यक्ष चंदा गोलछा ने सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। ताजा टीवी की डायरेक्टर अमृता नेवर ने राजस्थानी भाषा की विशेषता बताते हुए अपने विवाह के दौरान संस्मरण साझा किया और कहा कोलकाता में रहते हुए भी सभी तीज त्योहार मनाते हैं।

लेखिका और कवयित्री डॉ वसुंधरा मिश्र ने राजस्थान दिवस पर पहली बार मारवाड़ी में अपनी बात कहते हुए स्वरचित एक गीत म्हारो प्यारो राजस्थान सुना कर राजस्थान की प्रमुखता को दर्शाया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजस्थान सूचना केंद्र के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने राजस्थानी भाषा के दोहे और साहित्यिक उक्तियों का धाराप्रवाह प्रयोग करते हुए संचालन में चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर कार्यक्रम में आए राजस्थान के गणमान्य लोगों का स्वागत किया गया।

जैन महिला मंडल की संस्थापक सदस्य ने धन्यवाद देते हुए कहा कि मायण भाषा राजस्थान के लिए हम सभी भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि इसे संवैधानिक स्वीकृति दी जाय। राजस्थान सूचना केंद्र में राजस्थान दिवस मनाते हुए राजस्थानी भाषा में प्रसिद्ध राजस्थानी कवयित्री मृदुला कोठारी, उषा जैन, मंजूश्री गुप्ता, शशि लाहोटी, सुप्यार पुगलया, चंदा प्रह्लादका ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी।

इस पावन अवसर पर गोविन्द इंदोरिया, जयप्रकाश सेठिया, अजयेंद्र द्विवेदी, सबिता पौद्दार, शकुन त्रिवेदी और प्रमुख समाचार पत्रों के संवाददाताओं की उपस्थिति रही।

 

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