हम आपस में दूरियां पैदा नहीं करते बल्कि सेतु का कार्य करते है एक दूसरे को समीप लाने के लिए – जितेंद्र तिवारी

ICCR के सभागार में Cultural & Literary Forum of Kolkata एवम WBLM association द्वारा एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस संस्था का उद्देश्य बंगाली और हिंदी के बीच सेतु का कार्य करना है और समाज में व्याप्त बुराइयों को कविताओं , कहानियों के जरिए उजागर कर समाप्त करने का प्रयत्न कर लोगों में जागरूकता लाना, भाईचारे की भावना को प्रबल करना है ।
“कर्म ” नामक कार्यक्रम में हिंदी एवं बंगाली के अनेक कवियों को आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर बंगाली कवियों: पीहू करमाकर, चित्रा सोम बसु , झूमर बसु , सिलवासा सेन आदि ने सम – सामयिक कविताएं सुनाई कुछ महिलाओं ने विशिष्ट कवियों की रचनाएं सुना कर श्रोताओं को भाव – विभोर किया, जिसमे विशेषकर बंगाली में मां – बेटे की जुगलबंदी, सामूहिक गीत, ” माटीर टान ” एवं आनंद घोषाल के गायन ने श्रोताओं को अभिभूत कर दिया।
बंगाल की भूमि पर हिंदी की अलख जगाने वाले नामचीन कवि डॉक्टर अभिज्ञात, रवि प्रताप सिंह , नवीन सिंह, शिव शंकर सिंह, डॉक्टर शाहिद फारूकी, अमित अम्बष्ट , फादर सुनील रोजेरिओ ,डॉक्टर शिप्रा मिश्रा, प्रणति ठाकुर तथा शकुन त्रिवेदी आदि ने कविताओं द्वारा समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचनाएं सुनाई।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ललित कुमार झा ने अपने वक्तव्य में कहा कि “लोग अपने बच्चों को डॉक्टर , इंजीनियर , प्रोफेसर बनाना चाहते है लेकिन मनुष्य कोई नहीं बनाता है।”
कल्चरल लिटररी फोरम एवं वैस्ट बंगाल लिंगुइस्टिक माइनॉरिटी के अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि- “कभी किसी ने नहीं सुना कि कवि ने किसी का खून किया हो क्योंकि कवि संवेदनशील होते है और मानवता के लिए हिंसा खतरनाक है जिसे कवि ही खत्म कर सकता है। जो कविता पढ़ते है, लिखते है, सुनते है , वो ऐसा लिखे की समाज में बढ़ती दूरियां कम हो, आम आदमी की तकलीफ दूर हो, जितने रचनाकार इस उद्देश्य से जुड़ेंगे उतना ही समस्याओं का समाधान करेंगे।

The Wake News Portal & Magazine