श्रम सत्यार्थ—–
श्रम शक्ति है श्रम भक्ति है
श्रमिक श्रम का आधार
श्रमिक सारा संसार!!
बौद्धिक श्रम शारीरिक श्रम
श्रम के अध्याय आयाम
श्रम से ही विकास निर्माण!!
श्रम से ही कल
कारखाने जल विद्युत
पथ संचार!!
श्रम धर्म है
श्रमिक मर्म है श्रम
कर्म सत्यार्थ ब्रह्माड!!
श्रम योग है श्रमिक
श्रम तेज का
शक्ति सत्कार!!
श्रम श्रमिक तप ज्ञान
श्रम श्रमिक अनुष्ठान!!
भिक्षाटन श्रम श्रमिक
अपमान!!
श्रम श्रमिक अभिमान
श्रमिक हाथ नहीं पसारे
किसी व्यक्ति के आगे!
श्रमिक दानी दाता
खून पसीने से
करता खजाना
कुबेर निर्माण!!
किले महल का निर्माता
माल आटालिकाओं
का निर्माता श्रम श्रमिक का
करिश्मा कल्याण!!
श्रम कि महिमा का
युग समय काल समाज
श्रम से ब्रह्मा करते ब्रह्माण्ड
निर्माण!!
श्रम ही कर्मयोग का गीता
का सार सत्यार्थ श्रम
श्रमिक का शास्त्र
शास्त्र!!
श्रम समर का विजेता
श्रमिक श्रम का मर्मग्य
श्रम महिमा महत्व का
रचनाकार!!
श्रमेव जयते कार्यमेव जयते
सत्यमेव जयते का यथार्थ!!
कुरुक्षेत्र के समर भूमि से
कृष्णा का गीता ज्ञान
कर्मनेवाधिकारस्या श्रम
शक्ति का श्रमिक अवहान
कल युग पथ सिद्धांत!!
श्रम महिमा श्रमिक गरिमा
का ही युग युग ब्रह्म ब्रह्माण्ड
श्रम सत्य श्रमिक अस्ति अस्तित्व
युग ब्रह्माण्ड!!
कहते है अवनी हैं
गोल धुरी पर अपने
सूरज के चक्कर लगती
समय काल अतीत वर्तमान
भविष्य निर्माती!!
श्रम श्रमिक महिमा के
ना जाने कितने देश
श्रम श्रमिक ने बदल डाले
अवनी के इतिहास भूगोल!!
श्रमिक महिमा कि गरिमा
का वंशज अन्नदाता किसान
जन जन का अभिमान!!
श्रम श्रमिक का अतीत
वर्तमान भविष्य पल
प्रहर सूर्योदय सूर्यास्त!!
महिमा श्रमिक श्रम गौरव
गरिमा मान युग समय
समाज उदय अस्त
अभिलाषा विश्वास!!