कुशल संगठक एवं योजक थे जैथलिया जी—डॉ शीतला प्रसाद दूबे
अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए डॉ शीतला प्रसाद दुबे , मंचस्थ: सर्वश्री सत्यप्रकाश राय , डॉ प्रेम शंकर त्रिपाठी, कृपा शंकर चौबे एवं बंशीधर शर्मा
कोलकाता, 2 जून। प्रख्यात समाजसेवी साहित्यकार एवं श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष स्व. जुगलकिशोर जैथलिया की 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को पुस्तकालय कक्ष में उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस स्मरण सभा की अध्यक्षता की महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दूबे ने।
डॉ. दूबे ने कहा कि संगठन का काम विगत को नहीं बल्कि भविष्य के आह्वान का काम है और यह नकार से नहीं स्वीकार से आरंभ होता है। जैथलिया जी ने अपने संपूर्ण जीवन में भविष्य के कार्यकर्ता बनाने का बेजोड़ कार्य किया है। वे सचमुच में कुशल संगठक के साथ कुशल योजक थे। स्मरण सभा में सर्वश्री अजयेन्द्रनाथ त्रिवेदी, डॉ प्रेमशंकर त्रिपाठी, प्रो. कृपाशंकर चौबे, पवन कुमार धेलिया, मनीष जैन, डॉ. किशन कलवानी, रामपुकार सिंह, बृजेन्द्र पटेल एवं अमित ओझा ने जैथलिया जी के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक अवदान पर अपने विचार रखे।
आरंभ में श्री सुनील गुप्ता ने संगठन गीत प्रस्तुत किया। जुगलजी के जीवनवृत्त की रूपरेखा प्रस्तुत की कुमारसभा के अध्यक्ष श्री महावीर बजाज ने, संचालन किया श्री सत्यप्रकाश राय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन किया श्री अरुण प्रकाश मल्लावत ने।
कार्यक्रम में सर्वश्री बंशीधर शर्मा ,सागरमल गुप्त, मोहनलाल पारीक, नन्दकुमार लढ़ा, रामेश्वर नाथ मिश्र, चन्द्रकुमार जैन, दुर्गा व्यास, सुधा जैन, दयाशंकर मिश्र, रामचन्द्र अग्रवाल, तेजबहादुर सिंह, अजय चौबे, जे जे मिश्रा, गोविन्द जैथलिया, हरभजन सिंह, जनार्दन प्रसाद यादव, राजाराम बियानी, भागीरथ सारस्वत, संजय रस्तोगी, श्रीमोहन तिवारी अशोक दूबे एवं अरुण सिंह आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।