Sunday , August 3 2025

भीख में आबो-दाना नहीं चाहिए

तुझसे कुछ ऐ ज़माना नहीं चाहिए
भीख में आबो-दाना नहीं चाहिए

चाल टेढ़ी रखे और न सुधरे कभी
उसके दिल में ठिकाना नहीं चाहिए

तेरा चहरा नुमाइश न कर दे कहीं
दर्द दिल में दबाना नहीं चाहिए

हमसफ़र से इसे बाँटना ठीक है
बोझ अकेले उठाना नहीं चाहिए

हो मुबारक उसे लूट का धन मगर
मुझको ऐसा ख़जाना नहीं चाहिए

है बदन खुशनुमा मन का मैला है जो
जान उस पे लुटाना नहीं चाहिए

जिसमें मेहनत की खुशबू ज़रा भी नहीं
हमको तो ऐसा खाना नहीं चाहिए

हमने सीखा है रीमा बुज़ुर्गों से ये
दिल किसी का दुखाना नहीं चाहिए

रीमा पांडेय, कोलकाता (West Bengal )

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