Saturday , December 6 2025

गाथा की शान स्वाभिमान

—– हिन्द की सेना—–


बर्फ चट्टानों पे
एक हाथ संगीन दूजे
हाथ तिरंगा रेतीले
तूफानों में खड़ा बना
फौलाद देश की
सीमाओं मुश्तैद जवान।।

नयी नवेली दुल्हन
कर रही होती है
इंतज़ार ईश्वर से
आशीर्वाद मांगती
बना रहे सुहाग।।

बूढे माँ बाप की
पथराई आँखे
अपने सपूत का
एकटक इंतज़ार
बेटा देश की रक्षा में
लम्हा लम्हा
दुश्मन से लड़ता
होगा कब उसका
दीदार।।

सीमाओं पे जो
हालात दुश्मन कब
किधर से आए पता नहीं
धोखा मक्कारी का
छद्म युद्ध लड़ रही सेना हिंदुस्तान।।

माँ भारती का हर
जवान दुश्मन से करता
पल प्रहर दो दो हाथ!!

दुश्मन को औकात
बताएं भारत के बीर
जवान।।

जय भवानी
हर हर महादेव
भारत की सेना का
शंख नाद विजयी विश्व
तिरंगे की सेना
भारत का अभिमान।।

दुश्मन चाहे जितना भी हो
चालाक हिन्द की सेना
चकनाचूर करती अभिमान!!

धीर धैर्य बीर गंभीर साहस
निष्ठा समर्पण पराक्रम
पुरुषार्थ हिन्द की सेना बाज़।।

शपथ तिरंगे की
कफ़न तिरंगा
आन बान् सम्मान!!

तिरंगा कर्तव्यपथ पर बढ़ते
जाना जीवन मोल मूल्य
मातृ भूमि की सेवा में
दुश्मन लहू का तर्पण या
खुद के लहू से नई
इबारत लिख जाना।।

नई नवेली दुल्हन भी
भाग्य पर इतराती देश की
खातिर मर मिटने वाले
शौहर की मर्यादा को
जीवन भर निभाती!!

गर्व से नारी गैरव की
गाथा का किस्सा हिस्सा
बन जाती।।

पथराई आँखों के
माँ बाप अपने बीर
सपूतो को आशीष
वरदान ईश्वर से मांगते
जन्मों जन्मों देश पर मर
मिटने वाली हो मेरी
संतान।।

हिन्द की सेना हिन्द का
हर एक जवान वतन की
रक्षा में काल कराल विकट
विकराल ।।

हिन्द का जन जन
करता नमम प्रणाम
हिन्द की सेना गौरव
गाथा की शान स्वाभिमान।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश!!

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