Sunday , May 4 2025

चलो करे सफाई

दिवाली है आने वाली चलों करे सफाई 

सुन मेरी माशा रानी

  दीवारों पर  लिखा जो तुमने

 उन्हें मिटा लो आज,

तब तक दादी कर लेतीहै लगे हुए जालों को साफ

माशा को ये मंजूर नहीं था

बोली काम नहीं करुँगी

दादी तुम् कर लो पूरे घर को साफ़

 मै देखूंगी भालू , बंदर छोटे भाई के  साथ

ठीक है तुम देखो भालू – बन्दर

दादी जाएगी बाजार

लाएगी खूब पटाखे, बिजली की लड़ियाँ

और खायेगी चाट

चाट -पकौड़े का  सुनते ही नाम

याद आ गए माशा को सारे काम

बोली दादी साथ चलूंगी

नहीं अकेले खाने दूंगी

दीवारों पर लिखा जो मैंने

सभी  मिटाती हूँ  पहले

फिर हम दोनों साथ चलेंगे

कुल्फी भी मिल कर खायेंगे

 दिवाली है इतनी प्यारी

 खूब करेगें हम खरीददारी

 सुन्दर -सुन्दर  दीपक  लेंगे

फुलझड़ियों के संग खेलेंगे

चकरी भी अच्छी लगती है

पर जलने से डरती हूँ

शोर -शराबा नहीं सुहाता

मेरी बिल्ली का बच्चा डर जाता

भोली -दृष्टा ( कुत्ते )छुप कर बैठे

इक्की – भद्रु (बिल्लियां )डर से कांपे

अब तुम्ही बताओं दादी

ऐसे बम -पटाखों का दिवाली पर क्या काम 

शकुन त्रिवेदी 

संपादक: thewake.in

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