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भारतीय संस्कृति संसद का दीपोत्सव

*दीपोत्सव पर सम्मानित हुए वरिष्ठ सदस्य*

कोलकाता, 6 नवंबर। पांच नवम्बर की शाम, कर दी गई वरिष्ठ सदस्यों के नाम। दीपमालिकाओं से सजे भारतीय संस्कृति संसद के प्रांगण में मनाया गया अनूठा दीपावली प्रीति मिलन जिसमें 75 वर्ष या इससे ऊपर की उम्र वाले लगभग 22 माननीय, वरिष्ठ सदस्यों को तिलक एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया । सभी सदस्यों ने संसद की स्थापना से लेकर अब तक उनसे जुड़े संसद के अनुभवों को साझा किया जो कि अपने आप में बहुत ही रोचक एवं आनंददायक था ।

सर्वप्रथम श्री बाल किशन मूंदड़ा ने इस अनुपम संस्थान के स्थापना के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि उनके पिताश्री स्मृतिशेष माधवदास जी मूँधडा ने समाज के लोगों का वैचारिक ,व्यावहारिक एवं पारिवारिक स्तर स्वस्थ एवं उन्नत बनाने हेतु साहित्य, संस्कृति एवं कला के विभिन्न आयामों को माध्यम बनाने के लिए भारतीय संस्कृति संसद की स्थापना की जिसका निर्वहन आज तक किया जा रहा है।

कार्यक्रम की परिकल्पना एवं संयोजन श्री राजगोपाल सुरेका एवं डॉ तारा दूगड़ ने की ।अतिथियों का स्वागत किया सर्वश्री गोपालदास चांडक, राजेश दूगड़ एवं विजय झुनझुनवाला ने तथा अतिथियों के भाल को तिलक चर्चित किया सुमन सरावगी ने।अंत में अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए संस्था के अध्यक्ष डॉ विट्ठलदास मूंदड़ा ने ।

वरिष्ठ सदस्यों के अलावा संस्था के विशिष्ट एवं उत्साही सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए कार्यक्रम को अभूतपूर्व बनाया।

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