Sunday , May 4 2025

बैसाखी पर्व

वैशाखी—

 

धर्म शांति प्रगति धन धान्य

आश विश्वास आजादी

अस्तित्व आस्था लाती और

जगती वैशाखी।।

 

गुरुओं कि गुरुवाणी

भरत भारत अगुवानी

पंथ खालसा स्थापना

धर्म मर्म रक्षा संकल्प

आराधना है बैशाखी।।

 

धर्मवीर कर्मवीर शूरवीर

गुरु गोविंद सिंह ललकार

सवा लाख से एक लडाऊ

तब गुरु गोबिंद सिंह नाम

कहाऊ का शंखनाद है

वैशाखी।।

 

उदय उदित पंथ खलसा

धर्म कर्म रक्षार्थ वाहे गुरु का

खलसा वाहे गुरु कि फतह

हुंकार वैशाखी।।

 

पावन पर्व पराक्रम

वीर धीर धैर्य पहचान

पंजाब पंजाबियत

आन वान शान वैशाखी।।

 

घर घर खुशहाली

खेती बारी मेहनतकस

किसान का श्रम परिश्रम

पर्व परिणाम है वैशाखी।।

 

संसय समाप्त अन्न धन से

परिपूर्ण अवनी का अभिमान

अन्नदाता किसान खास

पहचान वैशाखी।।

 

अतीत वर्तमान परंपरा

बैभब लाती और बताती

बैशाखी।।

 

गुलामी में दम घुटती साँसों

कि मुक्ति का शांत अनुग्रह

अनुष्ठान जालियांवाला बाग

स्मरण है वैशाखी।।

 

गोरों को रास नही भारत कि

आजादी का स्वर शब्द

कैसे बैठे रहते शांत देख

जलियांवाला बाग कि

शांत क्रांति कि वैशाखी।।

 

अंतर्मन कि चिंगारी ज्वाला

घायल शेर पंजाब का

लालजपत वेदना कराह

कहर कि याद दिलाती वैशाखी।।

 

आंधी तूफान अरमान भारत के

भविष्य की चाह राह आजादी

सत्याग्रह हुंकार कि वैशाखी।।

 

जनरल ओडायर क्रूर

कायर का तांडव मृत्यु का

नंगा नाच जाने कितने बूढ़े

बच्चे मॉ बहने निरीह निर्दोष

क्रूर काल का ग्रास वहसी

दानवी चरित्र बताती

वैशाखी।।

 

वैशाखी का एक अहम पड़ाव

अध्याय भारत की आजादी

युद्ध शांति सत्याग्रह बन गयी

कायर कि युद्ध भूमि पावन वैशाखी।।

 

रक्त संचार बढ़ाती

जिंदा का अभिमान बताती वैशाखी।।

 

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।

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