परशुराम—
राम प्रथम ब्रह्मांड
देव चिरंजीवी ब्रह्मांड
श्रेष्ठ शिष्य रुद्र भक्ति शक्ति
शाश्वत अभिमान राम।।
श्रेष्ठ शिव शिष्य फरसा
श्रेष्ठता वरदान सारंग
फरसा नारायण शिव
समन्वय शक्ति गौरव
गान नाम नही आदि
अनंत सत्य सनातन
सत्यार्थ परशुराम।।
जादाग्नि पुत्र
भार्गव कुल गौरव
कर्म धर्म ज्ञान योग्य
बैभव वैराग्य
जय जय परशुराम ।।
गुरु महिमा गरिमा
भीष्म कर्ण द्रोण
युग सृष्टि भविष्य
अतीत भाष्य भरत
भारत गुरु परंपरा
परमार्थ परशुराम ।।
अन्याय प्रतिकार
न्याय प्रिय ब्रह्म
ब्राह्मण युद्ध निपुण
धैर्य धीर धैर्य दान पुण्य
तप त्याग युग नित्य
निरंतर गान परशुराम।।
ब्रह्म वेत्ता ब्राह्मण
कर्म धर्म दायित्व प्रमाण
महेन्द्र गिरी नित्य निरंतर
अविरल अविराम
परशुराम।।
परशुराम आग है
परशुराम जल जीवन
परशुराम वन जीवन
परशुराम अवनी
आस्था अस्तिव आधार।।
आश विश्वास
आकाश परशुराम
पवन पराक्रम
भाव परशुराम
कण कण पंचतत्व
प्रवाह परशुराम।
परशुराम विचार है
परशुराम व्यवहार है
परशुराम युग सृष्टा दृष्टा
ब्रह्मांड संस्कृति संस्कार
शंखनाद परशुराम।।
युगों युगों कि चेतना
अहंकार अंधकार का
नाश अवतारों का पथ
प्रदर्शक अवतारों का
अवतार परशुराम।।