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बहुत आसान है मंचों पे वंदे मातरम् कहना

दो मुक्तक

बहुत आसान है मंचों पे वंदे मातरम् कहना

डॉ शिव ओम अंबर, फर्रुखाबाद, उत्तरप्रदेश

हमेशा राष्ट्र-रक्षा के लिए उद्यत सजग रहना

प्रकृृति रणबाँकुरों की है कटारें वक्ष पे सहना,

बहुत मुश्किल है सीमाओं पे लिखना रक्त से उसको

बहुत आसान है मंचों पे वन्दे मातरम् कहना।।

2.

रणांगण में प्रखर प्रतिरोध के

प्रतिमान की जय हो।

दमकते आत्मगौरव के अमृत

आख्यान की जय हो,

धरित्री को विधाता से मिले

वरदान-से शोभन

सनातन शौर्य के अभिधान

हिन्दुस्तान की जय हो।

 

  1. संकलन : प्रीति  गंगवार, फर्रुखाबाद (UP)

 

 

 

 

 

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