संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए जन – कूटनीति आवश्यक – मोहम्मद सलीम

इंडो -वियतनाम सॉलिडेरिटी कमिटी द्वारा जनसंसार के कार्यालय में इंडो – वियतनाम की जन -कूटनीति (पीपल डिप्लोमेसी) के 75 वर्ष पूरे होने पर एक चर्चा का आयोजन किया गया । इस अवसर पर माकपा के पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम, जो की गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे, उन्होंने कहा – हमे दो देशों; इंडो – वियतनाम के लोगों को आपस में दोस्ताना व्यवहार रखने में मदद करनी होगी। पर्यटन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना होगा। अधिक से अधिक छात्रों को वीजा देना चाहिए ताकि एक दूसरे के देश की संस्कृति और साहित्य को समझा जा सके, उन पर लिखा जा सके. जिस प्रकार हमारे इतिहास में विदेशी पर्यटक : मेगस्थनीज , फाह्यान , ह्वेनसांग और अलबरूनी ने भारत में आकर बहुत कुछ देखा और उसकी संस्कृति और सभ्यता के बारे में विस्तार से लिखा।
प्रोफेसर तिलोत्तमा मुख़र्जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी देश को जानने के लिए ” लोगो से लोगो तक ( पीपल टू पीपल ) पहुंचना बहुत जरुरी है और ये शिक्षा और पर्यटन के आदान -प्रदान से ही संभव है।
आई सी सी आर, कोलकाता के पूर्व अधिकारी गौतम डे ने अपने वक्तव्य में कहा -कि पीपल टू पीपल डिप्लोमेसी का बेहतरीन उदाहरण है :अमेरिका – वियतनाम युद्ध। जब अमेरिका ने वियतनाम पर हमला किया तो अमेरिकन ने इसका जबरदस्त विरोध किया। पर्यटन वो क्षेत्र है जिसके जरिये आप आम इंसान से जुड़ सकते है।
कवयित्री कुसुम जैन ने पीपल डिप्लोमेसी पर चर्चा करते हुए वियतनाम के प्रथम राष्ट्रपति हो ची मिन्ह के बारे में बताया की कैसे उनके एक फोन कॉल पर कलकत्ता विश्वविद्यालय से एक रैली निकली जिसमे छात्रों ने वियतनाम के साथ खड़े होने का आह्वान किया । ये लोगो से लोगो तक जुड़े रहने की भावना थी जिसे हम पीपल डिप्लोमेसी कहते है।
लोकप्रिय समीक्षक एवं लेखक प्रेम कपूर ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए पीपल डिप्लोमेसी के कई बिंदुओं पर प्रकाश डाला और कहा – ‘ सार्वजनिक कूटनीति या लोगों से लोगों तक या फिर एक दूसरे की भावना से जुड़ना – समझना और उसका कैसे विस्तार किया जाये इस पर चर्चा करना अत्यंत आवश्यक है.’
सभी को धन्यवाद देते हुए कवि अमिताभ चक्रवर्ती ने वक्ताओं के विचारों की विशेष रूप से प्रशंसा की।
कार्यक्रम के दौरान, कवयित्री बबीता मंदड़ा की पुस्तक “जीवन के रंग दोहों के संग ” का विमोचन किया गया.
सभागार में उपस्थित थे ; प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राज मिठोलिया, बिमल शर्मा , दिनेश वढेरा, शहीद फरोगी ,आरती सिंह , सीमा गुप्ता आदि

-शकुन त्रिवेदी
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