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एक शाम राम के नाम

रामायण और गीता आज के अस्त्र -शस्त्र -पंडित बालव्यास

‘रामायण और गीता आज के अस्त्र शस्त्र हैं। सामर्थ्यवान व्यक्ति जब आततायियों के विरुद्ध मौन हो जाते हैं, तब विश्वामित्र जैसा कोई महापुरुष भगवान राम जैसी शक्ति को तैयार करता है। इसलिए हम अपने बच्चों को रामायण से सुसंस्कृत करें, क्योंकि यही आज के अस्त्र-शस्त्र हैं।’–यह उद्गार हैं प्रख्यात कथावाचक पंडित श्रीकांत शर्मा बालव्यास जी के जो श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा आयोजित डॉ अरुण प्रकाश अवस्थी स्मृति आयोजन के दसवें कार्यक्रम के अंतर्गत आज ‘एक शाम राम के नाम’ में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे।

प्रधान अतिथि सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री शिशिर बाजोरिया ने कहा कि सिर्फ हिंदू ही ऐसा है जो सबको सत्य मानता है। आज यह देश पूरा राममय हो गया है। आगामी कुछ दिनों में अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह विश्व पटल पर भारत के गौरव को पुनः प्रतिस्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि मा दुर्गा एवं भगवान राम का अटूट संबंध रहा है।

इस अवसर पर धर्मप्राण समाजसेवी श्री लक्ष्मीकांत तिवारी ने डॉ अरुण प्रकाश अवस्थी रचित ‘श्री राम चालीसा’ पुस्तिका का विमोचन किया।

कुमारसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ प्रेम शंकर त्रिपाठी ने कार्यक्रम की भूमिका में डॉ अवस्थी द्वारा किए गए साहित्य सृजन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कुमारसभा के साथ अनन्य संबंधों की चर्चा की।

कार्यक्रम का आरंभ ‘ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनिया..’ भजन की सांगीतिक प्रस्तुति से हुआ, जिसे स्वर दिया श्रीमती कामायनी संजय पांडे ने। अतिथियों का स्वागत किया सर्वश्री रामचंद्र अग्रवाल,अरुण प्रकाश मल्लावत, डॉ कमल कुमार, रवि प्रताप सिंह, सत्य प्रकाश राय, संजय मंडल, श्रीमोहन तिवारी प्रभृति ने। मंच पर कुमारसभा के अध्यक्ष श्री महावीर बजाज एवं मंत्री श्री बंशीधर शर्मा उपस्थित थे।

धन्यवाद ज्ञापन किया पुस्तकालय के साहित्य मंत्री श्री योगेश राज उपाध्याय ने तथा कुशल संचालन किया पुस्तकालय के उपाध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद रावत ने।

इस अवसर पर लोकप्रिय गायक सत्यनारायण तिवारी ने डॉ अवस्थी द्वारा रचित श्री रामचालीसा, रामाष्टक एवं अन्य भजनों की संगीतमय प्रस्तुति देकर पूरे वातावरण को राममय बना दिया।

इस भव्य आयोजन में सर्वश्री आचार्य राकेश पाण्डेय, सांवरमल अग्रवाल, घनश्याम लखोटिया, ऋषिकेश महाराज, संदीप गर्ग, भंवरलाल मूंधड़ा, महेश केडिया ,डॉ राजीव रावत, दुर्गा व्यास, मुकुंद राठी, सीताराम तिवाड़ी,विजय ओझा, योगेश शुक्ल सुमन, पुरुषोत्तम तिवारी ,डॉ विकास अग्रवाल, डॉ राजश्री शुक्ला, ब्रह्मानंद बंग, शकुन त्रिवेदी, सुशील कुमार, चंपालाल पारीक, विजय ओझा, मुल्तान मल पारीक, रामप्रवेश रजक, सुशीला चेनानी, रंजन श्रीवास्तव, सज्जन सिंघानिया,  सविता पोद्दार,  रमाकांत सिन्हा, शलभ चतुर्वेदी, महेश केडिया, प्रभृति महानगर के अनेक विशिष्ट रामभक्तों की उपस्थिति से सभागार पूरा भरा हुआ था।

कार्यक्रम को सफल बनाने मे भागीरथ सारस्वत, मनोज काकड़ा, अरुण सिंह, मनीष जैन सक्रिय थे।

 

 

 

 

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