समीक्षक : डॉ. मधु संधु (पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर) जोया देसाई कॉटेज (कहानी संग्रह) लेखक : पंकज सुबीरप्रकाशक : शिवना प्रकाशन, सीहोर (म.प्र.) …
Read More »संत
संत— मेरठ सैनिक छावनी में सूबेदार मिलन मुखर्जी की नियुक्ति थी मिलन मुखर्जी को किसी भी प्रकार के खतनाक सांप पकड़ने में महारत हासिल था। मेरठ छवनी के कमांडिंग ऑफिसर थे विल्सन जो सूबेदार मिलन मुखर्जी कि बहुत इज़्ज़त करते थे । कमांडिंग ऑफिसर विल्सन की पत्नी मैडम मारिया बहुत …
Read More »ध्रुव तारे अनेक
दीपक एक प्रेम का प्रशस्त मार्ग है आप पृथ्वी आकाश में ध्रुव तारे अनेक अंत भय भ्रम का ज्ञान ऊर्जा प्रकाश ना कोई राज रंक सत महिमा उजियार जीवन सदा उत्साह जन्म जीवन आधार सच्चा पवन ज्ञान जीवन बोध मार्ग भक्ति का मधुपान सत ईश्वर गुणगान छल …
Read More »मकर संक्रांति पर नभ धूसर, धुंधला, या रोशन हो पवन शीत या कुछ गुनगुन भर मन उमंग, तन में तरंग उड़ सकें सभी जैसे पतंग, चख सकें सभी रस जीवन के जब तक रहना संग इस तन के, उत्तरगामी नभचारी हे सूरज दो आशिष एवमस्तु…. वसंत पंचमी पर नवोन्मेष …
Read More »सुबह की धूप
सुबह कि धूप – शिक्षक समाज निर्माण कि धुरी होता है वह समय का साक्ष्य बनकर एव धैर्य धीर रहकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी सर्वांगीण भूमिकाओं का निर्वहन करता है शिक्षक के अंतर्मन में वह सभी अवयव आयाम अध्याय हिलोरे लेते तूफान कि वेग से स्वंय कि अभिव्यक्ति …
Read More »व्यवहार पर पुनर्विचार करने का समय है।
जन भावना को समझ कर काम करने से हो रहा विस्तार नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा के दौरान संपूर्ण भारत और भारत में अभिरुचि रखने वाले विश्व भर के मीडिया का एकत्रीकरण था। सामने लोकसभा चुनाव के कारण ऐसा लग रहा था कि वहां से इसके …
Read More »नया साल
नीलाभ खरे, नोएडा नया नया ज्यों पहली कोपल नया नया ज्यों पहली कोपल, पहली किरन ओस पर जैसे, सहरी की पहली पुकार, मंदिर की घंटी अलसभोर ज्यों नया नया औ’ शुभ शुभ हो …
Read More »रीत सिंह श्रीनेत को सम्मान
प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश द्वारा गोरखपुर कि होनहार बिटिया रीत सिंह श्रीनेत श्रेष्ट गीतकार के रूप में सम्मानित—– रीत सिंह श्रीनेत ऐसा नाम जिनसे कम आयु में उत्कृष्ट गीतकार का सम्मान प्राप्त किया । पज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट द्वारा आयोजित गीत लेखन प्रतियोगिता जिसमे पूरे …
Read More »अतुल्यनीय है ये काव्य संग्रह
*पम्परागत मूल्यों एवं मान्यताओं के परिपेक्ष्य में, अतुलनीय है यह काव्य-संग्रह* (समीक्षक- नन्दलाल मणि त्रिपाठी ‘पीताम्बर’,गोरखपुर “मुरारी की चौपाल” अतुल जी की अविस्मरणीय छंदमुक्त आकर्षक, प्रभावी एवं प्रासंगिक संग्रह है,जो चौवन महत्वपूर्ण समसामयिक एवं संदेशपरक अभिव्यक्तियों में समाहित है। प्रथम कविता “सच यही है” में कवि ने मां शारदे की …
Read More »फागुन आया गांव में, लेकर ये सौगात
फागुन आया गांव में, लेकर ये सौगात दहकी-दहकी दोपहर, बहकी-बहकी रात, फागुन आया गांव में, लेकर ये सौगात। प्रकृति में चारों तरफ उत्सव का माहौल है, फागुन आ गया है और अनंग अपने रंग में है। उसके पुष्प-धनुष से शरों का सन्धाान होने लगा है। मन के आकाश …
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