Saturday , December 6 2025

Shakun

काबा जाए कि काशी

काबा जाए कि काशी– पंडित धर्मराज के तीन बेटे हिमाशु ,देवांशु ,प्रियांशु थे तीनो भाईयों में आपसी प्यार और तालमेल था पुरे गाँव वाले पंडित जी के बेटो के गुणों संस्कारो का बखान करते नहीं थकते । पंडित जी के पास एक अदद झोपडी कि तरह घर था खेती बारी …

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मताधिकार या मतदान

मताधिकार या मतदान में अंतर समझने की आवश्यकता : प्रहलाद राय  गोयनका  चुनाव अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है किन्तु  अभी भी अनेक मतदाताओं  की अपने मताधिकार के प्रति  उदासीनता है उन्हें जागरूक करने के लिए,  उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए राजस्थान पत्रिका  अग्र  बंधू ,राजस्थान सूचना …

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आदर्श भारत का निर्माण

आदर्श भारत का निर्माण मात्र मतदान से सम्भव : श्री अश्विनी उपाध्याय    “अपना मतदान करना ही नहीं अपितु अपने संबंधियों, मित्रों, परिचितों का मतदान सुनिश्चित करना भी प्रत्येक नागरिक का राष्ट्रीय कर्तव्य है। जितना परख कर हम व्यक्तिगत विषयों पर निर्णय लेते हैं उतनी ही सतर्कता और सचेतनता के …

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चुनाव में नेताओं के दावे

  चुनाव में नेताओं के इन दावों को कैसे देखें.. चूनाव के दौरान पक्ष और विपक्ष द्वारा विजय एवं सीटों के आंकड़ों को लेकर अपने अनुसार दावा किया जाना अस्वाभाविक नहीं है। ऐसा ही इस चुनाव के दौरान हो रहा है। नेताओं और पार्टियों के दावों से आम मतदाता एक …

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दो सितारे गिरते नजर आते खुले आसमानों में

*दो बदन* चेहरे से चेहरा मिला एक अजीब खामोशी दो लहरे रात अँधेरी एक समुन्दर सी | दो बदन चेहरे से चेहरे का मिलन कभी लगता पहाड़ सा और रातें मरुभूमि सी   दो बदन आँखो आँखों से दिल की जुबान कहती ले जाती जिन्दगी की जड़ो तक फैलाती लड़ियाँ …

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संन्यासी का तप

सन्यासी का सत्य तप — गोकुल खानाबदोश परिवार में जन्मा था जिसके समाज के लोग मन मर्जी के अनुसार जहां अच्छा लगा वहीं डेरा जमा लिया कुछ दिन रहे मन उबा तो दूसरी जगह चल दिए यही जिंदगी थी पेट भरने के लिए भीख मांगना कबूल नही हाथ कि छोटी …

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चार चरणों का मतदान

चार चरणों के मतदान में उभरी प्रवृत्तियां काफी संकेत दे रही है लोकसभा चुनाव के चार चरण पूरे होने के बाद कुल 543 स्थानों में से 379 का मतदान संपन्न हो चुका है। वस्तुत: अब तक तमिलनाडु, केरल, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, असम, गोवा, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, …

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तरबूज सस्ते है..

       तरबूज सस्ते है.. ये क्या मां ! चार (4 )तरबूज वो भी इतने बड़े -बड़े! कौन खायेगा यहां? पहले से ही घर में तरबूज मौजूद हैं लेकिन खाने वाले मौजूद नही। अब तुम्ही बताओ मां, मैं अकेली कितने तरबूज खा सकती हूं।   अरे बेटा, इसमें नाराज …

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ममतामई मां

महानिशा कि ममतामयी माँ— जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ? जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सवाल करता माँ मेरे पिता कौन है? स्वास्तिका बताती भी तो क्या …

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