यदि आप अवध क्षेत्र के रहने वाले नहीं हैं तो सम्भवतः आप इकजाई से परिचित नहीं होंगे और इसे कोई जापानी कला समझ रहे होंगे। परंतु न तो यह जापानी इकेबाना की बहिन है और न बोंज़ाई की भौजाई। सच्ची बात कहूं तो इसका मूल जापान है ही नहीं। यह …
Read More »एर्नाकुलम विस्फोट एक चेतावनी है
किसी आतंकवादी घटना की गंभीरता का मूल्यांकन केवल इस आधार पर नहीं होता कि उसमें कितने लोगों की मौत हुई। केरल में एर्नाकुलम जिले के कलामसेरी के कन्वेंशन सेंटर यानी सम्मेलन केंद्र में हुआ विस्फोट हर दृष्टि से डराने और चिंतित करने वाली घटना है। निस्संदेह , तीन व्यक्तियों की …
Read More »समलैंगिकों पर न्यायालय के फैसले के निहितार्थ
समलैंगिकों को विवाह की कानूनी अनुमति देने संबंधी याचिका का उच्चतम न्यायालय द्वारा अस्वीकृत करना संपूर्ण समाज के लिए राहत लेकर आया है। यह लाखों वर्षों की सभ्यता संस्कृति वाले देश की प्रमाणित जीवन शैली एवं चिंतन की रक्षा करने वाली है। यह पहली दृष्टि में उस पूरी लौबी …
Read More »खीर पर ग्रहण
शरद पूर्णिमा का महत्व बचपन में शारदीय पूर्णिमा के आने की बात सुनते ही खीर का स्वाद मन को लुभाने लगता था. कितने जतन से खीर बनती, माँ लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें भोग समर्पित किया जाता और तत्पश्चात उस खीर को पूजा के काम आने वाली बाल्टी के अंदर रख …
Read More »घर भर की ख़ातिर कुर्बानी
हिन्दुस्तानी औरत हिन्दुस्तानी औरत यानी घर भर की ख़ातिर कुर्बानी। गृहलक्ष्मी पद की व्याख्या है, चैका-चूल्हा-रोटी-पानी। रुख़सत करने में रजिया को, टूट गये चाचा रमजानी। आँचल में अंगारे बाँधे, पीहर लौटी गुड़िया रानी। क़त्ल हुआ कन्या भ्रूणों का, तहज़ीबें दीखीं बेमानी। निर्धन को बेटी मत देना, घट-घट वासी अवढरदानी।
Read More »डॉ शिव ॐ अम्बर की कुछ लोकप्रिय गजल
प्रसिद्द कवि एवं मंच संचालक डॉ शिव ॐ अम्बर की कुछ लोकप्रिय गजल 1. चन्द शातिर मुट्ठियों में कैद भिनसारे रहे, मुक्तिबोधों के यहाँ ताउम्र अँधियारे रहे। रेशमी पल्लू रवायत का उन्हें क्या बाँधता, जो सदा से ही दहकते सुर्ख अंगारे रहे। राजभवनों को नहीं भाया हमारा स्वर कभी, हम …
Read More »मानस की धुंध
समीक्षा: मानस की धुंध श्रीमती नीरजा द्विवेदी की कहानियों को पढने का अवसर मिला। मुझे कुछ सुखद अनुभव हुए। उनकी सभी दस कहानियाँ मुझे प्रेमचंद के द्वारा कहानी के प्रमुख उद्देश्यों में निर्दिष्ट ‘आदर्शवादी यथार्थ’ को चरितार्थ करती हुई मालूम पड़ी।एक दूसरा तथ्य …
Read More »बौने हुए विराट् हमारे गाँव में
लोकप्रिय कवि डाॅ॰ शिव ओम अम्बर के कुछ संस्मरण कानपुर के कवि-समाज में विजय किशोर मानव मेरे सहज स्नेही अनन्य बन्धु रहे। हम दोनों ने लगभग एक साथ मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। उस समय गीत की भूमिका केन्द्रीय होती थी और शेष सभी रस आनुषंगिक थे। सहृदय …
Read More »पांच राज्यों के चुनाव
पांच राज्यों के चुनाव को कैसे देखें चुनाव आयोग ने भले पांच राज्यों के विधानसभाओं की औपचारिक घोषणा अब की है, देश पहले से ही चुनावी मोड में है। काफी समय से पूरी राजनीति की रणनीति 2024 लोकसभा चुनाव के इर्द-गिर्द बनाई जा रही …
Read More »पुस्तकें सदाजीवा की तरह हैं
पुस्तकें समाज को संस्कारित करती हैं काशी । 5अक्टूबर को माधव फाउंडेशन सारनाथ एवं भारतीय जन जागरण समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में सिगरा स्थित एक सभागार में “हर घर पुस्तकालय: आज की आवश्यकता”, विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें काशी के साहित्यकार, प्रबुद्ध जन, कवियों और कलाकारों …
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