Sunday , May 4 2025

Cultural

पौराणिक कुंभ कथा

अथ कुम्भ मोक्ष मार्ग सत्यार्थ—   पौराणिक कुम्भ कथा– सनातन की सिंद्धान्तों के सुंदर लोककल्याण एव लोकवोत्सव कि परम्पराओ में कुम्भ एक महत्वपूर्ण पड़ाव एव आयोजन है जो नियमित रूप से प्रत्येक चार वर्षों पर के अंतराल में हरिद्वार ,प्रयाग ,उज्जैन एव नासिक में आयोजित होता है। आर्थत बारह वर्षों …

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एक शाम राम के नाम

रामायण और गीता आज के अस्त्र -शस्त्र -पंडित बालव्यास ‘रामायण और गीता आज के अस्त्र शस्त्र हैं। सामर्थ्यवान व्यक्ति जब आततायियों के विरुद्ध मौन हो जाते हैं, तब विश्वामित्र जैसा कोई महापुरुष भगवान राम जैसी शक्ति को तैयार करता है। इसलिए हम अपने बच्चों को रामायण से सुसंस्कृत करें, क्योंकि …

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खीर पर ग्रहण

 शरद पूर्णिमा का  महत्व  बचपन में शारदीय पूर्णिमा के आने की बात सुनते ही खीर का स्वाद मन को लुभाने लगता था. कितने जतन से खीर बनती, माँ लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें भोग समर्पित किया जाता और तत्पश्चात उस खीर को  पूजा के काम आने वाली बाल्टी के अंदर रख …

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