Sunday , May 4 2025

बाजार में छा गए गजानन बप्पा

मंगल मूर्ति, विघ्न विनाशक, लंबोदर विनायक आदि -आदि नामों से विख्यात गजानन बाप्पा बाजार में छाये हुए है।

पश्चिम बंगाल, जो विशेष कर दुर्गा पूजा के लिए जाना जाता है वहां भी अब कुछ स्थलों में गणेश पूजा पंडाल बनने लगे है। 

इस वर्ष कोलकाता के सुविख्यात शिल्पांचल कुम्हारटुली जो माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए प्रसिद्ध है और जहाँ से देश -विदेश तक मूर्तियां जाती है। वहां के कारीगर इस वर्ष काफी खुश नजर आ रहे।
इस बार वहां का नजारा काफी बदला हुआ था।  बहुत से मूर्तिकारों के यहाँ गणेश प्रतिमाये छोटे से लेकर बड़े साईज तक की सजी हुई थी। आकर्षक मूर्तियाँ अद्भुत श्रृंगार सहज ही  मन को आकर्षित कर रहा था.  

 

वहां की नामी महिला शिल्पी चाइना पाल से पूछने पर पता चला कि जितनी छोटी गणेश मूर्तियाँ है ये सब महाराष्ट्र से आई हुई है, उल्टाडांगा के पास एक जगह है जहाँ से हम लोगो ने ख़रीदा है

 और अपने यहाँ लेकर उनका श्रृंगार किया है। चाइना पाल का कहना है कि हम लोगो के पास इतना समय नहीं है कि हम लोग छोटी -छोटी गणेश प्रतिमाएं बना सके क्योंकि हमारे ऊपर

 दुर्गा की मूर्तियां बनाने का प्रेशर ज्यादा रहता है. 

चायना पाल से बात करने पर पता चला कि लाल रंग की गणेश प्रतिमा मुंबई के लोकप्रिय सिद्धिविनायक का रूप है जिसकी हाल – फिलहाल बंगाल में बहुत मांग बढ़ी है।  जबकि बंगाल

 में गणेश मूर्ति पारंपरिक रूप से तैयार की जाती है।  यहाँ गणेश प्रतिमा का मुंह सफ़ेद और बदन गुलाबी होता है। 

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One comment

  1. Good information 👍

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