Sunday , August 3 2025

Shakun

ईसा मसीह जन्मोत्सव के मायने

भारतवर्ष में क्रिसमस त्योहार *   कहा जाता है बंगाल को – यहाँ बारह महीने में तेरह उत्सव मनाए जाते हैं | अर्थात बंगाल में उत्सव मनाने की एक परम्परा बहुत सालों से जारी है |यहाँ ‘सर्व धर्म सम्भाव’ का सिलसिला सुदृढ़ और सशक्त है | क्रिसमस उत्सव मनाने का …

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टूटा सागर का अहंकार

टूटा सागर अहंकार— सागर तट पहुंचे रघुबीर संग सेना बानर और रीछ।।   लंका पहुंच पाना समस्या विकट गम्भीर सागर में कैसे हो पथ निर्माण कार्य कठिन।।   प्रश्न बहुत जटिल विभीषण जामवंत लखन संग मन्तव्य रघुबीर ।।   सागर से ही मांगे पथ करे स्वंय विनम्र निवेदन रघुबीर।।   …

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है बात पुरानी फिर भी है सदा नई

है बात पुरानी फिर भी है सदा नई, सुनाता हूं  घड़ी भर बैठ तो सही     है बात पुरानी फिर भी है सदा नई सुनाता हूँ, घड़ी भर बैठ तो सही कुछ धूल है पड़ी यादों के आईने पर जरा हाँथ बढ़ा साफ़ करें तो सही   याद है! …

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बशर सत्ता के पतन के बाद

सीरिया में बशर सत्ता के पतन के बाद आतंकवाद बढ़ने का खतरा सीरिया में बशर अल असद की सत्ता के पतन पर संपूर्ण विश्व के आम लोग हैरत में होंगे। यद्यपि वहां पिछले डेढ़ दशक से गृह युद्ध चल रहा था लेकिन इसका आभास नहीं था कि अचानक सब कुछ …

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देवेंद्र फाडणवीस के साथ पटरी पर महाराष्ट्र की राजनीति 

महाराष्ट्र की राजनीतिक सत्ता अब स्वाभाविक विचारधारा की पटरी पर देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के साथ महाराष्ट्र की राजनीति के स्थिर आयाम तक पहुंचने का संकेत मिल रहा है‌। वर्तमान विधानसभा चुनाव परिणाम का स्वाभाविक राजनीतिक फलितार्थ यही हो सकता था। 2014 से देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र …

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अपने ही घर में फिर स्वदेश हारेगा

वातायन – 1 एक अभिशप्त वृक्ष की व्यथा-कथा – डॉ0  शिव ओम अम्बर पिछले कुछ दिनों से देश में घटित होती तमाम विक्षोभकारी घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में मुझे एक कहानी बार-बार याद आ रही है। मैंने सुना है कि एक व्यक्ति के द्वारा लगाये गये बाग में सदैव विविध पक्षियों …

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मानस का स्वाध्याय रही माँ- डॉ शिव ओम अम्बर

08.01.2005 मानस का स्वाध्याय रही माँ, श्रद्धा का पर्याय रही माँ –   डॉ शिव  ओम  अम्बर    1. आज सुबह जयपुर से संजू का आगमन हुआ, गीतू की शादी के बाद ये यह उसका दूसरा चक्कर है, दिसम्बर में भी आया था। 2. मित्रों की यात्रा-कथाएँ – कमलेश शर्मा अपनी …

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बहुत अभिशप्त ये ऊंचाईयां है

06.01.2005 नियति में आपकी विषपान होगा, जुबां पे आपकी सच्चाइयां है – डॉ शिव ओम अंबर 1. लखनऊ पहुँचने पर पता चला कि नीरज जी मेरे सन्दर्भ में अपनी कुछ पूर्वाग्रहग्रस्त प्रतिक्रियाएँ सोम जी, अनूप श्रीवास्तव आदि से प्रकट कर चुके हैं, सभी ने अलग-अलग चर्चा की। 2. नीरज जी …

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