ये डॉक्यूमेंट्री एक आकस्मिक उपज है, इसकी न कोई योजना थी और न ही कट या रीटेक – राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस राजभवन कोलकाता में एक विशेष डॉक्यूमेंट्री ‘आओ बात करे’ को दिखाया गया, जिसमें राज्यपाल महोदय बच्चों के साथ बैठकर कहानियां सुनाते हैं और उनसे संवाद करते …
Read More »भारतीय संस्कृति संसद का विशिष्ट कार्यक्रम
राम पुनर्नवा हैं: डॉ. तारा दूगड़ *राम राज्याभिषेक एवं दीपावली प्रीति मिलन समारोह* कोलकाता, 26 अक्टूबर। भारतीय संस्कृति संसद ने आज अपने सभागार में राम राज्याभिषेक समारोह के रूप में मनाया दीपावली प्रीति मिलन का अनोखा एवं विशिष्ट समारोह । कार्यक्रम में संस्था के कर्णधार श्री राजगोपाल सुरेका …
Read More »दीये जलाओ
दीये जलाओ राष्ट्र निर्माण के* दीये जलाओ राष्ट्र समाज निर्माण के, जननी जन्मभूमिश्च अभिमान हमारा।! आज्ञाकारी संतान राम रहे,अन्याय अत्याचार का न नामो निशा रहे।! लिंग भेद का दर्द नहीं, प्राणी प्रकृति परिवार का युग संसार रहे,!! पढ़ती बेटी बढ़ती बेटी अंतर द्वंद नहीं बेटी बेटों में …
Read More »एक बार और जाल फेंक रे मछेरे
एक बार और जाल फेंक रे मछेरे, जाने किस मछली में बंधन की चाह हो!’ अचानक रवि ( रवि प्रताप सिंह अध्यक्ष, शब्दाक्षर ) का रात में फोन आया और बोला ; ” दीदी कल डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी आ रहे है, आपको कार्यक्रम में आना है! ” उसकी बात …
Read More »शांति की संभावना
मणिपुर में शांति की ठोस संभावना
Read More »मां आओ मेरे द्वार
माँ आओ मेरे द्वार माईया पधारों घर द्वारे भक्तों का इंतज़ार है।। घर घर तेरा मंडप सजा है माईया के स्वागत का दिन रात है।। माईया तेरे रूपों का संसार माईया तू ही अवनि अवतार पर्वत बाला बुद्धि बृद्धि स्वर संसार । माईया पधारो घर द्वारे …
Read More »आदि शक्ति अम्बे जगदंबे
आदि शक्ति अम्बे जगदम्बे हे देवी माँ हे देवी माँ ★★★★ तू भय भव भंजक जगत कल्याणी है ● दुष्टो की दुर्गा काली भक्तो की रखवाली है ● शक्ति दे मुझे अपनी भक्ति का भाव भाग्य दे !! माँ शारदेय मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते …
Read More »एकदंत गजमुख लंबोदर
गणपति-वंदन ऊँ जय गणपति धरैं सुवेशा, हरहु पाप-त्रैताप कलेशा । अति मनहर छवि नैन विशाला, ध्यावैं विधि-हरि-हर त्रैकाला । शेष दिनेश सुरेश खगेशा , पूजें सुर नर असुर नरेशा। ऊँ जय गणपति धरै सुवेशा, हरहु पाप- त्रैताप कलेशा।।(1) एक दंत गजमुख लम्बोदर, शेष वदन नर वर अति …
Read More »उम्मीद की तरफ लौटना तुम
‘उम्मीद की तरह लौटना तुम’ कविता संग्रह- ‘उम्मीद की तरह लौटना तुम’ लेखक- पंकज सुबीर, समीक्षक- शैलेन्द्र शरण प्रकाशक : शिवना प्रकाशन, सीहोर (म.प्र.) मूल्य- 300 रुपये, वर्ष- 2025, पृष्ठ- 184 मानवीय संवेदनाओं, रिश्तों, पीड़ा और पुनर्जीवन की आकांक्षा का दस्तावेज़ पंकज …
Read More »हे कान्हा ,केशव, माधव ,मधुसूदन
कान्हा— हे कान्हा केशव माधव मधुसूदन, युग में जाने कितने नाम तुम्हारे।! आया हूँ जीवन में जबसे तुम्ही बसे हर गम खुशी पल प्रहर में संग साथ हमारे।! पुकारे जब भी कोई हृदय से, आए दौड़े सांझ सवेरे! समय का कोई नहीं है बंधन, प्रेम भाव ही …
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