Saturday , December 6 2025

Shakun

ये कैसा हिंदुस्तान

—भारत कैसे बन गया हिंदस्तान— संस्कृति संस्कार महान सक्षम खुशहाल भारत सोने की चिड़िया कहलाता दुनियां का दिग्दर्शक भारत अब है हिंदुस्तान।। आपस मे लड़ते भिड़ते बात बात पर एक दूजे के लहू के प्यासे शासक भारत की शान!! चंद कबीलों की एकता ताकत का हो गया गुलाम बंट गया …

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छांगुर उर्फ जिंदा पीर ऊर्फ जलालुद्दीन का तंत्र

इस्लामीकरण के भयानक छांगुर तंत्र को कैसे देखें उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में हिंदुओं को मुसलमान बनाने का जैसा तंत्र सामने है वह देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए चेतावनी है। यह स्वतंत्र भारत का अब तक का एक व्यक्ति केंद्रित हिंदुओं को मुसलमान बनाने का ऐसा सबसे बड़ा तंत्र …

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डूडल

डूडल  (कामचोर)  दो -दो डूडल दोनो डूडल  बैठ कर करते पटर -पटर पचर -पचर दोनो कुछ भी काम न  करते सारा दिन आराम करते  आराम कर कभी न थकते   बातों में  हरदम रमते  पटर पटर पचर पचर.   दुनिया को कुछ  न समझे  खुद   के ज्ञान पर खुद ही …

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ये शायरी जुबां है किसी बेजुबान की

ये शायरी जुबां है किसी बेजुबान की  –  गीत-गन्धर्व नीरज की शाश्वती देशना  ( भाग १ ) बात आज से लगभग चार दशक पूर्व की है। एक कवि के रूप में मंच पर मेरा आगमन हुए थोड़ा ही समय बीता था। मंच के युवा संचालक के रूप में मुझे सामान्यजन …

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समाज परिवर्तन के लिए सक्रिय संघ

शताब्दी वर्ष में समाज परिवर्तन के लिए सक्रिय संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजधानी दिल्ली में 4 से 6 जुलाई तक आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक वैसे तो राजनीतिक दलों एवं मीडिया के लिए किसी हलचल मचाने वाले समाचार का कारण नहीं बना, पर इसके महत्व से …

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जिंदगी हमनाज है

जिंदगी — जिंदगी हमनाज है जिंदगी अंदाज है जिंदगी अरमा आकाश है!! जिंदगी रिश्ते नातेदार कि है जिंदगी धड़कन सांस कि है जिंदगी आश विश्वास कि है जिंदगी जज्बे जज्बात कि है जिंदगी आपकी है लेकिन नियत के हाथ कि है!! जिंदगी तकदीर का तराना जिंदगी जीने का बहाना जिंदगी …

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कब हम आजाद हुए

कब हम आजाद हुए ये आजादी नहीं दूर्निति और गुलामी का नया स्वरुप है कब हम आजाद हुए? ना हम कभी आजाद थे और ना ही हम आजाद है आजादी सिर्फ एक सपना था हमने आजादी को हासिल किया नहीं मुगलो ने हमें दबाया अंग्रेजो ने भी! बर्षो हम उनके …

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आपिस (ऑफिस )

 आपिस (ऑफिस)    घर – बाहर की समस्याओं से संघर्ष करने की कहानी     महिला सशक्तिकरण, सुनते ही  ” या देवी सर्वभूतेषु  शक्तिरूपेण संस्थिता” लक्ष्मी रूपेण संस्थिता ” जैसे श्लोक दिमाग में गूंजने लगते है.  महिला किसी जॉब में है तो घर से लेकर बाहर तक सभी को लगता …

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संविधान और सेक्युलर शब्द

सोशलिस्ट और सेक्यूलर शब्द पर विवाद के मायने   संविधान की प्रस्तावना में सोशलिस्ट सेक्यूलर शब्द पर इस समय सबसे सघन बहस चल रहा है। इमरजेंसी के 50 वर्ष पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले ने अपने भाषण में याद दिलाया कि जब …

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गाथा की शान स्वाभिमान

—– हिन्द की सेना—– बर्फ चट्टानों पे एक हाथ संगीन दूजे हाथ तिरंगा रेतीले तूफानों में खड़ा बना फौलाद देश की सीमाओं मुश्तैद जवान।। नयी नवेली दुल्हन कर रही होती है इंतज़ार ईश्वर से आशीर्वाद मांगती बना रहे सुहाग।। बूढे माँ बाप की पथराई आँखे अपने सपूत का एकटक इंतज़ार …

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