Sunday , May 4 2025

Literature

शिवना प्रकाशन के प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा

वर्ष 2024 के लिए शिवना प्रकाशन के प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा ‘अंतर्राष्ट्रीय शिवना सम्मान’ संयुक्त रूप से प्रभात रंजन तथा मनीष वैद्य को, ‘शिवना कृति सम्मान’ प्रवीण कक्कड़ को शिवना प्रकाशन द्वारा दिए जाने वाले प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा कर दी गयी है। शिवना प्रकाशन के ऑनलाइन आयोजन में वर्ष …

Read More »

जब राम जागते अंतर्मन में

जब राम जागते अंतर्मन मन में तब स्वार्थ नष्ट हो जाता है विरहा की बेला में भी जब विश्वास ना कोई हर पाता है प्रेम सिद्ध तब हो पाता है जब स्वार्थ नष्ट हो जाता है   विषम परिस्थिति भारी हों बाधाएं कोटि हमारी हों प्रतिकूल तरंगों में ही तो कौशल …

Read More »

राष्ट्रीय लघु कथा उत्सव 2024

कोलकाता में संपन्न हुआ द्विदिवसीय राष्ट्रीय लघुकथा उत्सव 2024 कोलकाता 25 दिसम्बर।पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग के अंतर्गत पश्चिमबंग हिंदी अकादमी ने द्विदिवसीय राष्ट्रीय लघुकथा उत्सव का आयोजन अकादमी के सभागार में किया।    इस मौके पर उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे- …

Read More »

टूटा सागर का अहंकार

टूटा सागर अहंकार— सागर तट पहुंचे रघुबीर संग सेना बानर और रीछ।।   लंका पहुंच पाना समस्या विकट गम्भीर सागर में कैसे हो पथ निर्माण कार्य कठिन।।   प्रश्न बहुत जटिल विभीषण जामवंत लखन संग मन्तव्य रघुबीर ।।   सागर से ही मांगे पथ करे स्वंय विनम्र निवेदन रघुबीर।।   …

Read More »

है बात पुरानी फिर भी है सदा नई

है बात पुरानी फिर भी है सदा नई, सुनाता हूं  घड़ी भर बैठ तो सही     है बात पुरानी फिर भी है सदा नई सुनाता हूँ, घड़ी भर बैठ तो सही कुछ धूल है पड़ी यादों के आईने पर जरा हाँथ बढ़ा साफ़ करें तो सही   याद है! …

Read More »

मानस का स्वाध्याय रही माँ- डॉ शिव ओम अम्बर

08.01.2005 मानस का स्वाध्याय रही माँ, श्रद्धा का पर्याय रही माँ –   डॉ शिव  ओम  अम्बर    1. आज सुबह जयपुर से संजू का आगमन हुआ, गीतू की शादी के बाद ये यह उसका दूसरा चक्कर है, दिसम्बर में भी आया था। 2. मित्रों की यात्रा-कथाएँ – कमलेश शर्मा अपनी …

Read More »

बहुत अभिशप्त ये ऊंचाईयां है

06.01.2005 नियति में आपकी विषपान होगा, जुबां पे आपकी सच्चाइयां है – डॉ शिव ओम अंबर 1. लखनऊ पहुँचने पर पता चला कि नीरज जी मेरे सन्दर्भ में अपनी कुछ पूर्वाग्रहग्रस्त प्रतिक्रियाएँ सोम जी, अनूप श्रीवास्तव आदि से प्रकट कर चुके हैं, सभी ने अलग-अलग चर्चा की। 2. नीरज जी …

Read More »

कल है भाई दूज त्यौहार 

सुनो भाई कान खोलकर, कल है भाई दूज त्यौहार टीका, रूचना तुमको करना और साथ मिठाई देना लंबा खर्चा ऊपर से  नखरा तेरा मैं क्यों  करती बर्दाश्त आया भाईदूज त्योहार लाया  खुशियां अपार। सुन, सुबह – सवेरे जल्दी उठ कर करना है स्नान पहन के कपड़े नए- नए फिर करना …

Read More »