सन्यासी का सत्य तप — गोकुल खानाबदोश परिवार में जन्मा था जिसके समाज के लोग मन मर्जी के अनुसार जहां अच्छा लगा वहीं डेरा जमा लिया कुछ दिन रहे मन उबा तो दूसरी जगह चल दिए यही जिंदगी थी पेट भरने के लिए भीख मांगना कबूल नही हाथ कि छोटी …
Read More »मै भारत हूं
मैं भारत हूँ-( काव्य संग्रह) श्री भीम प्रसाद प्रजापति
Read More »तरबूज सस्ते है..
तरबूज सस्ते है.. ये क्या मां ! चार (4 )तरबूज वो भी इतने बड़े -बड़े! कौन खायेगा यहां? पहले से ही घर में तरबूज मौजूद हैं लेकिन खाने वाले मौजूद नही। अब तुम्ही बताओ मां, मैं अकेली कितने तरबूज खा सकती हूं। अरे बेटा, इसमें नाराज …
Read More »ममतामई मां
महानिशा कि ममतामयी माँ— जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ? जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सवाल करता माँ मेरे पिता कौन है? स्वास्तिका बताती भी तो क्या …
Read More »विपश्यना
समीक्षा— विपश्यना लेखिका– इंदिरा दांगी विपश्यना कहानी संग्रह विदुषी इन्दिरा दांगी जीवन की अनुभूतियों अनुभव को समेटे काल कलेवर के परिवर्तित आचरण कि अभिव्यक्तियो कि बेहद सुंदर संकलन है जो प्रत्येक व्यक्ति समाज को स्पर्श एव स्पंदित करती है निश्चय ही इंदिरा दांगी जी का प्रयास सराहनीय है साथ ही …
Read More »धूप के कतरे
समीक्षा– धूप के katare (गजलकार घनश्याम परिश्रमी ) नेपाली भाषा के ख्याति लब्ध साहित्यकार डॉ घनश्याम परिश्रमी जिन्होंने नेपाल और हिंदी गज़लों का विशेणात्मक अध्ययन# विषय पर पी एच डी किया है । गजल विद्वत शिरोमणि से विभूषित डॉ घनश्याम परिश्रमी समालोचक नेपाली ग़ज़ल के शीर्ष शिखर ग़ज़लकार …
Read More »दिल पूछता है
दिल❤️ पूछता है …! पुछता है दिल किस बात पर रूठे हो, किस बात से हो खफा? इस तरह तुम क्यों खुद को दे रहें सजा हो। बेरूखी की मुझे वजह बताया तो होता, किस बात से खफा हो जताया तो होता खता कब और …
Read More »‘चलो फिर से शुरू करें’
चलो फिर से शुरू करें (कहानी संग्रह)
Read More »जोया देसाई कॉटेज
समीक्षक : डॉ. मधु संधु (पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर) जोया देसाई कॉटेज (कहानी संग्रह) लेखक : पंकज सुबीरप्रकाशक : शिवना प्रकाशन, सीहोर (म.प्र.) …
Read More »ध्रुव तारे अनेक
दीपक एक प्रेम का प्रशस्त मार्ग है आप पृथ्वी आकाश में ध्रुव तारे अनेक अंत भय भ्रम का ज्ञान ऊर्जा प्रकाश ना कोई राज रंक सत महिमा उजियार जीवन सदा उत्साह जन्म जीवन आधार सच्चा पवन ज्ञान जीवन बोध मार्ग भक्ति का मधुपान सत ईश्वर गुणगान छल …
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