Saturday , December 6 2025

Literature

दीये जलाओ

दीये जलाओ राष्ट्र निर्माण के*       दीये जलाओ राष्ट्र समाज निर्माण के, जननी जन्मभूमिश्च अभिमान हमारा।! आज्ञाकारी संतान राम रहे,अन्याय अत्याचार का न नामो निशा रहे।! लिंग भेद का दर्द नहीं, प्राणी प्रकृति परिवार का युग संसार रहे,!! पढ़ती बेटी बढ़ती बेटी अंतर द्वंद नहीं बेटी बेटों में …

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मां आओ मेरे द्वार

माँ आओ मेरे द्वार     माईया पधारों घर द्वारे भक्तों का इंतज़ार है।।   घर घर तेरा मंडप सजा है माईया के स्वागत का दिन रात है।।   माईया तेरे रूपों का संसार माईया तू ही अवनि अवतार पर्वत बाला बुद्धि बृद्धि स्वर संसार । माईया पधारो घर द्वारे …

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आदि शक्ति अम्बे जगदंबे

आदि शक्ति अम्बे जगदम्बे     हे देवी माँ   हे देवी माँ ★★★★ तू भय भव भंजक जगत कल्याणी है ● दुष्टो की दुर्गा काली भक्तो की रखवाली है ● शक्ति दे मुझे अपनी भक्ति का भाव भाग्य दे !!   माँ शारदेय मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते …

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एकदंत गजमुख लंबोदर

गणपति-वंदन     ऊँ जय गणपति धरैं सुवेशा, हरहु पाप-त्रैताप कलेशा । अति मनहर छवि नैन विशाला, ध्यावैं विधि-हरि-हर त्रैकाला । शेष दिनेश सुरेश खगेशा , पूजें सुर नर असुर नरेशा। ऊँ जय गणपति धरै सुवेशा, हरहु पाप- त्रैताप कलेशा।।(1)   एक दंत गजमुख लम्बोदर, शेष वदन नर वर अति …

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उम्मीद की तरफ लौटना तुम

‘उम्मीद की तरह लौटना तुम’     कविता संग्रह- ‘उम्मीद की तरह लौटना तुम’ लेखक- पंकज सुबीर, समीक्षक- शैलेन्द्र शरण प्रकाशक : शिवना प्रकाशन, सीहोर (म.प्र.) मूल्य- 300 रुपये, वर्ष- 2025, पृष्ठ- 184           मानवीय संवेदनाओं, रिश्तों, पीड़ा और पुनर्जीवन की आकांक्षा का दस्तावेज़   पंकज …

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सारे जहां से अच्छा

सारे जहां से अच्छा भारत देश हमारा–   सारे जहां से प्यारा यह देश है हमारा भारत है जिसको कहते दुनियां सबसे न्यारा।।   माटी है जिसकी पावन माता जिसे हम कहते बेटियां यहाँ कि देवी नारी को पूजते।।   बच्चा बच्चा है जैसे राम कण कण हैं बसते कंकड़ …

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अरमानों के आसमान पर लहराता तिरंगा

अरमानों के आसमान पर लहराता —     अरमानों के आसमान पे लहराता जन गण मन कि शान वंदे मातरम का सम्मान भारत का अभिमान।। गंगा की धाराओं की कल कल कलरव की आवाज सत्य अहिंसा का गांधी जय जवान जय किसान।। अरमानों के आसमान पे लहराता जन गण मन …

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अंधकार में हम साहस का दीप जलाते है

भारत माता का वंदन   अंधकार में हम साहस के,दीप जलाते हैं। आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं।।   चंद्रगुप्त की धरती है यह,वीर शिवा की आन है। राणाओं की शौर्य धरा यह,पोरस का सम्मान है।। वतनपरस्ती तो गहना है,हृदय सजाते हैं। आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं।। …

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एक ही घूँट में दीवाने जहाँ तक पहुँचे।

नीरज जी की ग़ज़लों में जगह-जगह व्यंग्य की अन्तर्धारा के दर्शन होते हैं एक ज़माना था जब ग़ज़ल शब्द का उच्चारण करते ही चित्त में किसी शाही दरबार में मखमली कालीन पे चलती हुई नाज़नीन का बिम्ब जागा करता था, शायरी नायिका के नख-शिख वर्णन की वर्णमाला होकर रह गयी …

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ये कैसा हिंदुस्तान

—भारत कैसे बन गया हिंदस्तान— संस्कृति संस्कार महान सक्षम खुशहाल भारत सोने की चिड़िया कहलाता दुनियां का दिग्दर्शक भारत अब है हिंदुस्तान।। आपस मे लड़ते भिड़ते बात बात पर एक दूजे के लहू के प्यासे शासक भारत की शान!! चंद कबीलों की एकता ताकत का हो गया गुलाम बंट गया …

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