मकर संक्रांति पर नभ धूसर, धुंधला, या रोशन हो पवन शीत या कुछ गुनगुन भर मन उमंग, तन में तरंग उड़ सकें सभी जैसे पतंग, चख सकें सभी रस जीवन के जब तक रहना संग इस तन के, उत्तरगामी नभचारी हे सूरज दो आशिष एवमस्तु…. वसंत पंचमी पर नवोन्मेष …
Read More »नया साल
नीलाभ खरे, नोएडा नया नया ज्यों पहली कोपल नया नया ज्यों पहली कोपल, पहली किरन ओस पर जैसे, सहरी की पहली पुकार, मंदिर की घंटी अलसभोर ज्यों नया नया औ’ शुभ शुभ हो …
Read More »डॉ प्रबोध नारायण जन्मशती समारोह
डॉ॰ प्रबोध नारायण सिंह जन्मशती समारोह सम्पन्न डॉ प्रबोध नारायण सिंह ने अपनी छात्रवत्सलता, विद्वता एवं अध्यापकीय कौशल से विद्यार्थियों को प्रभावित किया था एवं साहित्य के प्रति अपनी गहन निष्ठा के कारण हिंदी एवं मैथिली भाषा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। शोध निर्देशक के रूप में उनका …
Read More »डाक्टर मनीष शुक्ला की पुस्तक प्रोफेसर के लाल का लोकार्पण
समाज में रोशनी की उम्मीद जगा रहा साहित्य : विधान सभा अध्यक्ष विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने डॉ मनीष शुक्ल के कहानी संग्रह प्रोफेसर माँ के लाल, वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री की किताब भुला न देना और महाशून्य का विमोचन किया लखनऊ| उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने …
Read More »प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा
वर्ष 2023 के लिए शिवना प्रकाशन के प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा, ‘अंतर्राष्ट्रीय शिवना सम्मान’ यतीन्द्र मिश्र को, ‘शिवना कृति सम्मान’ स्नेह ‘पीयूष’ को शिवना प्रकाशन द्वारा दिए जाने वाले प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा कर दी गयी है। शिवना प्रकाशन के ऑनलाइन आयोजन में वर्ष 2023 के लिए यह सम्मान दिये …
Read More »पोखरा, नेपाल में तीन दिवसीय ” नेपाल -भारत साहित्य महोत्सव संपन्न
पोखरा, नेपाल में तीन दिवसीय *नेपाल भारत साहित्य महोत्सव* सफलतापूर्वक हुआ संपन्न। भारतीय दूतावास काठमांडू, गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान, पोखरा प्रज्ञा प्रतिष्ठान, ज्योतिष भविष्यवाणी मेडिया प्रा लि, लेखनाथ साहित्य प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान मे भारत की क्रांतिधरा साहित्य अकादमी द्वारा पोखरा, नेपाल के पृथ्वी नारायण कैंपस, गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के भानुसभा …
Read More »राष्ट्रीय लघु कथा उत्सव
*लघुकथा विकास के इतिहास में अपनी* *भूमिका दर्ज करता:* *राष्ट्रीय लघुकथा उत्सव -2023.* कोलकाता यूं तो भले बंगाल की राजधानी है, लेकिन साहित्य , संस्कृति की गंगा का प्रवाह यहां साल भर होता रहता है और दिसंबर का महीना को पूरे उफ़ान पर होता है, इसीलिए तो इसे पूरे देश …
Read More »सत्य कहउँ लिखि कागद कोरे…….. – 1
सत्य कहउँ लिखि कागद कोरे…….. – 1 ‘‘वासन्ती’’ के मंच पे कवि-सम्मेलन हिन्दी साहित्य की वाचिक काव्य-परम्परा की सुरक्षा और संरक्षा का एक महत्वपूर्ण सारस्वत-पीठ रहा है। अपने समय में महाप्राण निराला ने भी ‘‘राम की शक्तिपूजा’’ जैसी रचना का मंच पर पाठ किया है, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के …
Read More »घर भर की ख़ातिर कुर्बानी
हिन्दुस्तानी औरत हिन्दुस्तानी औरत यानी घर भर की ख़ातिर कुर्बानी। गृहलक्ष्मी पद की व्याख्या है, चैका-चूल्हा-रोटी-पानी। रुख़सत करने में रजिया को, टूट गये चाचा रमजानी। आँचल में अंगारे बाँधे, पीहर लौटी गुड़िया रानी। क़त्ल हुआ कन्या भ्रूणों का, तहज़ीबें दीखीं बेमानी। निर्धन को बेटी मत देना, घट-घट वासी अवढरदानी।
Read More »डॉ शिव ॐ अम्बर की कुछ लोकप्रिय गजल
प्रसिद्द कवि एवं मंच संचालक डॉ शिव ॐ अम्बर की कुछ लोकप्रिय गजल 1. चन्द शातिर मुट्ठियों में कैद भिनसारे रहे, मुक्तिबोधों के यहाँ ताउम्र अँधियारे रहे। रेशमी पल्लू रवायत का उन्हें क्या बाँधता, जो सदा से ही दहकते सुर्ख अंगारे रहे। राजभवनों को नहीं भाया हमारा स्वर कभी, हम …
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